Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:56 AM
पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा को सुगम बनाने के लिए नई बसों को सड़क पर उतारा है। ये बसें पी.आर.टी.सी. की देखरेख में चलाई जा रही हैं जिन्हें 30 किलोमीटर तक का रूट दिया गया है। अभी कुछ महीने पहले ही ये बसें सड़क पर आई हैं परन्तु...
बठिंडा (आजाद): पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा को सुगम बनाने के लिए नई बसों को सड़क पर उतारा है। ये बसें पी.आर.टी.सी. की देखरेख में चलाई जा रही हैं जिन्हें 30 किलोमीटर तक का रूट दिया गया है। अभी कुछ महीने पहले ही ये बसें सड़क पर आई हैं परन्तु देखने को मिला कि बसों से निकलने वाला धुआं किसी ईंट भट्ठे की चिमनी से कम नहीं। मगर पंजाब सरकार के किसी भी अधिकारी को यह धुआं दिखाई नहीं दे रहा है।
प्रदूषण विभाग भी आंखें मूंदकर बैठा है। किसी भी निजी वाहन को प्रदूषण प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है जबकि यह नियम सरकारी बसों पर शायद लागू नहीं होता। यह धुआं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसमें व्याप्त विषैली गैस कई बीमारियों को न्यौता दे रही है। नई बसों से इतना धुआं निकलता देखकर शहर और गांवों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि कहीं बसों को खरीदने में करोड़ों रुपयों का घोटाला तो नहीं हुआ है, तभी ये बसें सभी नियमों को ताक पर रखकर चल रही हैं। शहर के पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि अगर समय रहते हुए इन बसों से निकलते धुएं को नियंत्रित नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे।