मुर्दा जानवरों का ठेका न होने से भड़के लोग

Edited By Updated: 28 Oct, 2016 01:25 PM

protest people against dead animals

नगर परिषद में 23 वार्ड हैं और 80 हजार से अधिक जनसंख्या वाली नगरी में लगभग 47 हजार मतदाता हैं, परंतु गत डेढ़ वर्ष से मुर्दा जानवरों का ठेका अलॉट नहीं किया गया है

नाभा (जैन): नगर परिषद में 23 वार्ड हैं और 80 हजार से अधिक जनसंख्या वाली नगरी में लगभग 47 हजार मतदाता हैं, परंतु गत डेढ़ वर्ष से मुर्दा जानवरों का ठेका अलॉट नहीं किया गया है, जिस कारण कई दिन मुर्दा पशु सड़कों पर ही पड़े रहते हैं जिन्हें उठाने हेतु पटियाला से ठेकेदार के कारिन्दे आते हैं जो 700 से 1300 रुपए तक प्रति पशु वसूल करते हैं। 

 

सड़कों पर सैंकड़ों पशु बेसहारा घूमते हैं। रोजाना सड़क दुर्घटनाओं में कई मर जाते हैं। मृत पशुओं को कुत्ते नोचते हैं जिससे मांस-हड्डियां बिखर जाती हैं। पशुधन को भी कुत्ते व कौवे नोचते हैं जिससे लोगों के मन को भारी ठेस पहुंचती है। 


पार्षदों का कहना है कि हमें अपनी जेब से राशि खर्च कर इन मृत जानवरों को उठवाना पड़ता है। परिषद का ठेका अब कोई भी लेने को तैयार नहीं है, क्योंकि परिषद के पास हड्डारोड़ी व बूचडख़ाने हेतु स्थान नहीं है व न ही डॉक्टर का प्रबंध है। मुर्गे व बकरे भी दुकानों में ही काटे जाते हैं जिसके कारण किसी भी समय भयानक बीमारी फैल सकती है।

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