Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 02:49 PM
पर्ल चिट फंड कंपनी में अपने निवेश किए गए करोड़ों रुपए की वसूली को लेकर पर्ल पीड़ित गांव गुरने कलां के वाटर वर्क्स की टंकी पर पैट्रोल की बोतलें लेकर चढ़ गए।
बुढलाडा(बंसल): पर्ल चिट फंड कंपनी में अपने निवेश किए गए करोड़ों रुपए की वसूली को लेकर पर्ल पीड़ित गांव गुरने कलां के वाटर वर्क्स की टंकी पर पैट्रोल की बोतलें लेकर चढ़ गए। प्रदर्शन दौरान पर्ल कंपनी के पीड़ितों पर आधारित जत्थेबंदी के जिला प्रधान सुखपाल सिंह अलीशेर की अगुवाई में सतपाल सिंह भीखी, तरसेम खान, प्रगट सिंह, अमनदीप सिंह, कुलविंदर सिंह, वैलती राम, मास्टर बेअंत सिंह दोपहर 2 बजे वाटर वर्क्स की टंकी पर पैट्रोल से भरी बोतलें लेकर चढ़ गए। इस दौरान उन्होंने पर्ल कंपनी की जायदाद उसके पीड़ितों को देने के बजाए उस पर पंजाब सरकार व अवैध कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ नारेबाजी की गई।
इस मौके मौजूद जत्थेबंदी के प्रदेश प्रधान महिंदर सिंह दानगढ़ व प्रदेश सीनियर उप प्रधान सुरिंदर कुमार धवन ने बताया कि सरकार ने चिट फंड कंपनियों को मान्यता देकर गरीब लोगों को लूटने की छूट दी हुई है। जिन्होंने देश के निवेशकों से 50 हजार करोड़ से भी अधिक की घपलेबाजी कर 2 लाख करोड़ रुपए की देश व विदेश में नामी व बेनामी जायदाद बना ली है लेकिन 3 साल से किसी निवेशक को उसकी राशि वापस नहीं की है। उन्होंने कहा कि चिट फंड कंपनी में करोड़ों रुपए निवेश करने वाले धारकों को सरकार इंसाफ देने में देरी न करे नहीं तो उन्हें मजबूरन पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पड़ेंगे व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में तुरंत दखल दें।प्रदेश प्रैस सचिव परमजीत सिंह कलेर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2 फरवरी, 2016 के आदेशों अनुसार पर्ल ग्रुप की नामी बेनामी जायदाद जस्टिस आर.एम. लोढा कमेटी के साथ जोड़ दी गई थी, जिसको बेचने के अधिकार केवल लोढा कमेटी के पास है।
इसकी सूचना जनतक नोटिस देकर बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति पल्र्ज ग्रुप की नामी बेनामी प्रॉप्र्टी को बेच खरीद, तबादला व किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ काश्त नहीं कर सकता है। जो लिखित जानकारी लोढा कमेटी द्वारा डिप्टी कमिश्नर को दी गई थी वह अब दोबारा ई.डी. ने मुकद्दमा दर्ज कर 20 जनवरी को फाइनैंसियल कमिश्नर, रैवेन्यू विभाग व जिला मैजिस्ट्रेटों को पंजाब में लोढा कमेटी के साथ जोड़कर जायदादों की सूची भेजी गई। लोढा कमेटी द्वारा जारी सूची अनुसार मानसा जिले की 117 जायदादों को इसके साथ जोड़ा गया है, जिसमें गांव कलीपुर, कुलाना, दयालपुरा, सिरसीवाला, दातेवास, झेरियावाली व रायपुर की करीब 350 एकड़ जमीन आती है लेकिन प्रशासन अदालती आदेशों को दरकिनार कर जायदादों के तबादले कर रहा है। इसकी मिसाल दातेवास में 8 कनाल बदले 88 कनाल का तबादला किया गया है व अब भी लोढा कमेटी के साथ जोड़ी जायदाद पर कब्जा कर काश्त की जा रही है। जो कि अदालती आदेशों का सरेआम उल्लंघन है।