Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 08:53 AM
यू.पी. की एक चिट फंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न होने पर गुस्साए लोगों ने आज गायब कंपनी व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
भवानीगढ़ (संजीव): यू.पी. की एक चिट फंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न होने पर गुस्साए लोगों ने आज गायब कंपनी व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव बखोपीर के कुलविंद्र सिंह पुत्र गुरचरन सिंह जो चिट फंड कंपनी में पी.एन. की नौकरी करता था, ने ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते हुए बताया कि उनके ही गांव का लड़का राजिन्द्र सिंह इस कंपनी में एजैंट का काम करता था तथा उसने ही इस चिट फंड कंपनी में गांव बखोपीर, बखतड़ा, बखतड़ी, भवानीगढ़ के लोगों के पैसे लगवाने की शुरूआत करवाई थी। पी.एन. कुलविंद्र सिंह ने बताया कि उसे भी इस कंपनी ने लालच देकर जाल में फंसा लिया और उसने अपने रिश्तेदारों के 12 लाख रुपए व 4 लाख रुपए अपनी मौसी के लगवा दिए। उसने बताया कि इसके अलावा मालविन्द्र सिंह पुत्र प्रेम सिंह ने 90,000, जगसीर सिंह ने 26,000, गुरदेव सिंह 30,000, गुरजीत सिंह 2,50,000, सतनाम सिंह एक लाख बत्तीस हजार, परमजीत कौर पत्नी बलदेव सिंह 2 लाख, बलविन्द्र कौर पत्नी प्रेम सिंह ने एक लाख रुपए इस कम्पनी में लगा दिए और बाद में उनसे बहाने से उनकी पालिसी को भी कंपनी में जमा करवाने को कहा गया।
उन्होंने कहा कि हम तो दिहाड़ी करके पैसे इकट्ठा कर कंपनी की महीनावार किस्त भर देते थे कि थोड़े-थोड़े करके पैसे इकट्ठा हो जाएंगे व लड़कियों के विवाह में काम आ जाएंगे।पीड़ित लोगों ने बताया कि इस चिट फंड कंपनी के खिलाफ हमने एक वर्ष पहले पुलिस के पास शिकायत की थी कि चिट फंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें उनके पैसे वापस दिलाए जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास शिकायत करने पर भी कम्पनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। लूट का शिकार हुए गांव बखोपीर के लोगों ने गायब कंपनी व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व पुलिस प्रशासन से मांग की कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दूसरी ओर एक वर्ष पहले चिट फंड कंपनी के खिलाफ समाजसेवी संस्था की प्रधान अनुपमा कौशला ने जिला पुलिस प्रमुख व जिला डिप्टी कमिश्नर, फाइनांस मंत्री, थाना भवानीगढ़ के एस.एच.ओ. को लिखित शिकायत की थी।
अनुपमा कौशला ने लिखित शिकायतें दिखाते हुए इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वह चिट फंड कंपनी के खिलाफ अधिकारियों व सरकार को पत्र लिखकर दुहाई देती रही कि यह कंपनी लोगों के साथ धोखा कर रही है व लोगों की मेहनत की कमाई लूटकर फरार हो जाएगी, इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि जिला पुलिस प्रमुख ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि यह मामला तो कोर्ट का है। जब इस संबंधी थाना भवानीगढ़ के प्रमुख चरनजीत सिंह लांबा से यह पूछा गया कि गायब कंपनी के खिलाफ समाज सेवी संस्था की प्रधान अनुपमा कौशला द्वारा जब तत्कालीन एस.एच.ओ. को लिखित मांग की गई थी कि लोगों के साथ फ्रॉड करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि यह मसला उनसे पहले का है परंतु फिर भी वह रिकार्ड चैक करके कार्रवाई जरूर करवाएंगे।