Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 10:54 AM
अमृतसर चाहता है पंजाब, कैप्टन की सरकार। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इसी नारे को बीजेपी ने 10 महीनों बाद ''रोता है पंजाब, कैप्टन की सरकार'' में बदल दिया है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब भर में कांग्रेस के खिलाफ़ हल्ला बोल दिया...
अमृतसरः अमृतसर चाहता है पंजाब, कैप्टन की सरकार। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इसी नारे को बीजेपी ने 10 महीनों बाद 'रोता है पंजाब, कैप्टन की सरकार' में बदल दिया है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब भर में कांग्रेस के खिलाफ़ हल्ला बोल दिया है।बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने पंजाब की जनता के साथ धोखा किया है और चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे पूरे नहीं किए।
वहीं कांग्रेस सरकार के 10 महीनों के खिलाफ विरोध की आवाज़ जालंधर में भी सुनाई दी जब भाजपा वर्करों ने एक मांग पत्र डी.सी. वरिंदर शर्मा को सौंपा। मांग पत्र सौंपने से पहले बीजेपी वर्करों ने कैप्टन सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी की।जालंधर की तरह वादाखिलाफी के बैनरों के नीचे लुधियाना में भी रोष प्रदर्शन किया गया। विनीत जोशी और मनोरंजन कालिया जैसे सीनियर नेताओं के साथ मिलकर लुधियाना में एक रोष रैली भी निकाली गई। भाजपा नेताओं ने कैप्टन सरकार से माँग की है के चयन वादे पूरे किए जाएं नहीं तो प्रदर्शनों का दौर और तेज हो जाएगा।
शाही शहर के नाम से जाने जाते और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्रर सिंह के शहर पटियाला की हैं जहां बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के किले में सेंध लगाने की कोशिश की गई। सीनियर बीजेपी नेता हरजीत सिंह गरेवाल की अगुवाई में डीसी दफ़्तर के बाहर भाजपाइयों ने मोर्चा खोला और कांग्रेस को जनता के साथ किए वादे पूरे करने की अपील की।
पठानकोट, गुरदासपुर, फ़िरोजपुर और फाजिल्का में भी भाजपा के विरोध का तूफान उठा है। तूफ़ान का अंदाज़ और आवाज़ एक ही, कैप्टन सरकार का विरोध, और सिर्फ़ विरोध। बीजेपी की तरफ से पंजाब के लोगों तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस की तरफ से राज्य की जनता को ठगा गया है। आरोप हैं कि चुनाव से पहले जो कांग्रेस ने चुनाव मनोर्थ पत्र में वादे किए थे, उनको पूरा करने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। पंजाब सरकार को जगाने के लिए बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन से पंजाब भर में शंखनाद किया। लेकिन क्या इन विरोध प्रदर्शनों की आवाज़ सरकार के कानों में पहुंचती है या फिर भाजपा के यह प्रदर्शन हवा-हवाई साबित होंगे, यह गौर करने वाली बात होगी।