Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 01:26 PM
थाना डाबा के अधीन आते कोट मंगल सिंह नगर में पिछले कई दिनों से धर्मशाला में रामलीला के मंचन को लेकर मंदिर कमेटी व ड्रामाटिक
लुधियाना (पंकज): थाना डाबा के अधीन आते कोट मंगल सिंह नगर में पिछले कई दिनों से धर्मशाला में रामलीला के मंचन को लेकर मंदिर कमेटी व ड्रामाटिक क्लब के मध्य चल रहे विवाद ने आज उस समय गंभीर रुख अख्तियार कर लिया, जब एक पक्ष ने दूसरे पर धर्मशाला पर कब्जा करने के आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। इससे दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए व स्थिति तनावपूर्ण बन गई। इसकी भनक लगते ही पुलिस के उच्चाधिकारी कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। खबर लिखे जाने तक इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
दरअसल, एरिया में स्थित शिव मंदिर व धर्मशाला कमेटी के चेयरमैन गोगना व बाकी सदस्यों ने इसी मोहल्ले में बने दूसरे ग्रुप को धर्मशाला में रामलीला का मंचन करने की अनुमति देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि नवरात्र में विवाह समारोहों का सीजन शुरू होने के चलते धर्मशाला को पहले ही कई परिवार बुक करवा चुके हैं। ऐसे में कमेटी आखिर किस तरह वहां रामलीला का मंचन करने की अनुमति दे सकती है। दूसरी ओर मंदिर कमेटी से वैचारिक मतभेदों के चलते अलग हुए चंद सदस्यों द्वारा अपने स्तर पर नई कमेटी का गठन करके वहां रामलीला का मंचन करने वाले ड्रामाटिक क्लब के युवा सदस्यों को साथ में जोड़ लिया गया। उनका तर्क है कि धर्मशाला के होते हुए वे रामलीला का मंचन किसी अन्य स्थान पर क्यों करें।
हालांकि पिछले दिनों भी इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के सदस्य टकराव की स्थिति में आ गए थे परंतु पुलिस ने तुरंत मौका संभालते हुए मामला शांत करवाया। वीरवार से नवरात्र शुरू होने के कारण एक बार फिर विवाद पनप उठा। पुरानी कमेटी का आरोप था कि दूसरी टीम ने धर्मशाला पर कथित रूप में कब्जा करने का प्रयास किया है। वहीं दूसरा वर्ग इसको सिरे से नकार रहा है। असल में सारा मामला इलाके में वर्चस्व कायम रखने को लेकर पर्दे के पीछे सियासी लोगों द्वारा गर्माया गया है। खुद आगे आने की बजाय अपने करीबियों के माध्यम से बिछाई जा रही धार्मिक बिसात ही माहौल खराब होने के पीछे की मुख्य वजह है। खबर लिखे जाने तक दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ डटे हुए थे व 5 थानों के प्रभारी अपनी टीमों सहित वहां जमे हुए थे, जबकि आलाधिकारी खुद मौके पर पहुंचकर मामला शांत करने में जुटे थे। बावजूद इसके माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा है, जिसके परिणाम गंभीर होने के संकेत हैं।