Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 11:53 AM
राज्य सरकार द्वारा 800 स्कूलों को बंद करने व बिजली की दरों में वृद्धि के विरोध में विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने बिक्रम सिंह मजीठिया की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन कर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके उपरांत उन्होंने डिप्टी कमिश्रर को...
अमृतसर (पुरी): राज्य सरकार द्वारा 800 स्कूलों को बंद करने व बिजली की दरों में वृद्धि के विरोध में विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने बिक्रम सिंह मजीठिया की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन कर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके उपरांत उन्होंने डिप्टी कमिश्रर को मांग-पत्र सौंपा।
बिक्रम मजीठिया ने कहा कि लोक समर्थक सरकारों की नीति लाभ कमाना नहीं होती, लोगों को सेवा और सुविधाएं देना होती है। प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में मजबूती लाए बिना राज्य उन्नति नहीं करेगा। बच्चों से शिक्षा का बुनियादी हक छीनना लोकतंत्र के माथे कलंक है। पंजाब सरकार का उक्त फैसला जन व शिक्षा विरोधी होने के अलावा यू.पी.ए.-2 दौरान के पास किए गए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून 2009 का भी उल्लंघन है।
इसके आर्कटिल 21-ए द्वारा 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को 8वीं तक मुफ्त शिक्षा पाने का कानूनी अधिकार दिया गया है। राज्य सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले से हजारों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बंद किए जा रहे 90 प्रतिशत स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं, जिनमें गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ रहे हैं, जिनके माता-पिता रोजी-रोटी के लिए दिहाड़ी करने के लिए मजबूर और महंगाई से परेशान हैं, उनके लिए अपने बच्चों को दूर पढऩे के लिए भेजने के लिए साधन नहीं हैं। बच्चों के स्कूल न जाने पर अनपढ़ता बढ़ेगी। मजीठिया ने कहा कि बिजली बिलों में की गई भारी वृद्धि ने लोगों का कांग्रेस सरकार से पूरी तरह मोह भंग कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिनके घर मीटर लग रहे हैं, उनको डर सता रहा है कि अब बिल आने भी शुरू हो जाएंगे।