Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 10:17 AM
प्रदेश सरकार द्वारा धान की पराली को जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेशों के बाद किसान सरकार के इन आदेशों को मानने पर राजी नहीं हो रहे हैं
जलालाबाद/फाजिल्का(सेतिया, लीलाधर, नागपाल) : प्रदेश सरकार द्वारा धान की पराली को जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेशों के बाद किसान सरकार के इन आदेशों को मानने पर राजी नहीं हो रहे हैं जिसके चलते आज किसान यूनियन, सी.पी.आई. तथा विभिन्न गांवों के सरपंचों तथा पंचों ने अनाज मंडी में एकत्रित होकर सरकार के फरमान के विरुद्ध नारेबाजी की। इसके बाद यूनियन ने मुख्य मार्ग कुछ देर के लिए चक्का जाम किया और बाद में कैप्टन अमरेंद्र सिंह का पुतला भी फूंका। रोष धरने के बाद तहसीलदार फाजिल्का दर्शन सिंह को मांग पत्र भी सौंपा गया।
किसानों की समस्याएं समझे सरकार
धरने दौरान दर्शन लाल, तिलक राज, ओम सरपंच, परमानंद ब्लाक सम्मति सदस्य, देस राज , मनोहर सिंह मुजैदिया, वजीर चंद, राम लुभाया, गुलजार सिंह पूर्व सरपंच, फुम्मण, राजा सरपंच, लाल चंद गोल्डन, चिमन सिंह, राम चंद लाधूका, भगवान चंद, कश्मीर चंद, बलविंदर सिंह प्रधान ने कहा कि अगर सरकार पर्यावरण के लिए गंभीर है तो उन्हें पहले किसानों की समस्याओं को सुनना और समझना पड़ेगा।
सरकार ने पराली के प्रबंध के लिए नहीं लगाई कोई फैक्टरी
उन्होंने बताया कि सरकार ने पराली का प्रबंध करने के लिए कोई भी फैक्टरी नहीं लगाई है, जहां पराली को संभाला जा सके। किसानों ने बताया कि सरकार किसानों पर जबरन आदेश लागू करना चाहती है जबकि किसान यह चाहते हैं कि सरकार पराली को संभालने का प्रबंध करे या नष्ट करने के लिए मुआवजा दे। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा प्रबंध न किए जाने के रोष स्वरूप ही आज उन्हें पुतला फूंक प्रदर्शन करना पड़ा है।