Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 11:55 AM
पंजाब पुलिस के एक ए.एस.आई. के युवा पुत्र की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाने को लेकर पीड़ित परिवार पिछले 30 घंटे से कभी फरीदकोट तो कभी फिरोजपुर के सिविल अस्पताल के चक्कर काट रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी...
फिरोजपुर(मल्होत्रा): पंजाब पुलिस के एक ए.एस.आई. के युवा पुत्र की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाने को लेकर पीड़ित परिवार पिछले 30 घंटे से कभी फरीदकोट तो कभी फिरोजपुर के सिविल अस्पताल के चक्कर काट रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी, जिससे परेशान होकर मृतक युवक के पारिवारिक सदस्यों ने शहरियों के साथ मिलकर सोमवार देर सायं अग्रसेन चौक में धरना लगाकर सिविल अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और एस.एम.ओ. डा. प्रदीप अग्रवाल ने उन्हें बेवजह परेशान किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें रविवार दोपहर फोन आया कि आपका बेटा कमलजीत सिंह (24) सिटी के अग्रसेन चौक में पड़ा है। जब वे वहां पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए।
उन्होंने उसे तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरी रात पारिवारिक सदस्य डॉक्टरों की मिन्नतें करते रहे लेकिन कमलजीत सिंह के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। मृतक के पिता गुरमीत सिंह का आरोप है कि सोमवार सुबह सिविल अस्पताल प्रशासन ने उन्हें यह कहकर लैटर बना दिया कि इसका पोस्टमार्टम फरीदकोट में होगा और वह डैड बॉडी लेकर फरीदकोट चले गए। पूरा दिन वहां डॉक्टरों की मिन्नतें करने के बाद उन्होंने कहा कि यहां इसका पोस्टमार्टम नहीं होगा, इसे वापस फिरोजपुर ले जाओ। सायं 3 बजे से वह यहां आकर एस.एम.ओ. डा. प्रदीप अग्रवाल एवं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के पैर पकड़ कर मिन्नतें कर रहे हैं कि डैड बॉडी का पोस्टमार्टम किया जाए और इसकी मौत के कारणों का पता लगाया जाए, लेकिन सायं 6.30 बजे डॉक्टरों ने उन्हें पोस्टमार्टम करने से जवाब दे दिया, जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया।
क्या कहते हैं एस.एम.ओ. डा. प्रदीप अग्रवाल
इस पूरे मामले में एस.एम.ओ. डा. प्रदीप अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह रविवार को छुट्टी पर थे। डा. आंचल की ड्यूटी लगाई गई थी। सोमवार जब वह ड्यूटी पर आए तो सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार सुसाइड और मर्डर केस की जितनी भी डैड बॉडियां होती हैं उन्हें पोस्टमार्टम के लिए फरीदकोट मैडीकल कॉलेज भेजा जाता है, जहां पर फॉरैंसिक एक्सपर्ट की टीम पोस्टमार्टम करती है। डा. प्रदीप ने कहा कि मैडीकल कॉलेज में फॉरैंसिक एक्सपर्ट डा. राजीव जोशी ने पोस्टमार्टम करने से यह कहकर इन्कार कर दिया कि उनके पास सरकार की तरफ से ऐसी कोई चि_ी नहीं आई है, जबकि डा. प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि पिछले & माह से चि_ी आई हुई है और उसी के आधार पर कई पोस्टमार्टम फरीदकोट में हो चुके हैं।
एस.एम.ओ. डा. अग्रवाल झूठ बोल रहे हैं या मैडीकल कॉलेज के फॉरैंसिक हैड डा. राजीव जोशी!
एक नौजवान युवक की मौत के बाद इस पूरे मामले में अब द्ववाल यह पैदा होता है कि क्या डा. प्रदीप अग्रवाल झूठ बोल रहे हैं या फिर फरीदकोट मैडीकल कॉलेज के फॉरैंसिक विभाग के प्रमुख डा. राजीव जोशी। डा. जोशी का कहना है कि उन्हें कोई चिट्ठी नहीं आई, जबकि डा. प्रदीप का कहना है कि इसी चि_ी के आधार पर पिछले & माह से पोस्टमार्टम हो रहे हैं। सवाल यह पैदा होता है कि जिस परिवार का युवा पुत्र मर गया, उस परिवार का इस मामले में क्या कसूर है। पारिवारिक सदस्यों की पंजाब सरकार और हैल्थ मिनिस्टर से मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी अमले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आने वाले समय में कोई भी नागरिक अपने युवा पुत्र की डैड बॉडी का पोस्टमार्टम करवाने के लिए अस्पतालों के चक्कर न काटता फिरे।