Edited By Updated: 30 Mar, 2017 09:03 AM
गांव रौंता के 2 किसानों से कर्जा वसूल करने गए मोगा के एक बैंक के मैनेजर को किसानों के भारी रोष का सामना करना पड़ा।
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): गांव रौंता के 2 किसानों से कर्जा वसूल करने गए मोगा के एक बैंक के मैनेजर को किसानों के भारी रोष का सामना करना पड़ा। किसान के घर में ही किसानों की ओर से घेरे मैनेजर को पुलिस की दखलअंदाजी के बाद माफी मांग कर पीछा छुड़ाना पड़ा। गांव रौंता के किसानों गुरप्रीत सिंह, गुरजीत सिंह पुत्र टेक सिंह ने आंध्रा बैंक मोगा से 50 लाख के करीब पैसों की लिमिट बनवाई थी।
अार्थिक मजबूरी के कारण किसान परिवार पर 10 लाख रुपए के ब्याज सहित और कर्जा चढ़ गया। आज आंध्रा बैंक मोगा के अधिकारी टेक सिंह के घर आकर बैंक के पैसे तुरंत वापस करने का दबाव डालने लगे तथा पुलिस का डर दिखाने लगे। घटना के बारे में पता चलते ही इकट्ठा हुए भाकियू उगराहां एकता के नेता सौदागर सिंह खाई, मेजर सिंह मान, लछमन सिंह, इंद्र मोहन पत्तो, डा. बलजोत सिंह आदि के नेतृत्व में गांववासियों ने बैंक अधिकारियों को घर में कैद कर लिया तथा नारेबाजी की।
इस दौरान घटना का पता चलते ही पुलिस चौकी दीना के मुलाजिम घटनास्थल पर पहुंच गए। उनके दखल के बाद मैनेजर ने आगे से किसी किसान के घर कर्ज वसूली के लिए न आने तथा किसानों को परेशान न करने की शर्त पर किसानों ने उनको रिहा किया।
क्या कहना है बैंक मैनेजर का
इस संबंधी आंध्रा बैंक मोगा के मैनेजर चंदन ने बताया कि गांव रौंता के 2 किसानों गुरप्रीत सिंह, गुरजीत सिंह पुत्र टेक सिंह ने आंध्रा बैंक मोगा से 25-25 लाख (कुल 50 लाख) रुपए की लिमिट ली थी, जिसका अब तक 10 लाख रुपए ब्याज हो चुका है। उन्होंने बताया कि कर्ज लेने के बाद उक्त किसानों ने 2 साल से बैंक में आना भी जरूरी नहीं समझा तथा बार-बार कहने के बावजूद भी वे बैंक में नहीं आए। उन्होंने कहा कि 31 मार्च को वे बैंक की ओर से डिफाल्टर घोषित किए जा रहे हैं, जिसके कारण वह बार-बार उनको 31 मार्च से पहले कुछ रकम बैंक में जमा करवाने के लिए कह रहे थे, लेकिन किसान जत्थेबंदी ने बगैर उनका पक्ष सुने उनका घेराव किया लेकिन उनका कोई कसूर नहीं है।