Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 01:49 PM
सरकार ने इस साल प्रापर्टी टैक्स जुटाने का टारगेट 100 करोड़ कर दिया है और नगर निगम को अब तक 17 करोड़ ही आए हैं, लेकिन किसी
लुधियाना (हितेश): सरकार ने इस साल प्रापर्टी टैक्स जुटाने का टारगेट 100 करोड़ कर दिया है और नगर निगम को अब तक 17 करोड़ ही आए हैं, लेकिन किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं कि अगले 6 महीने में 83 करोड़ कहां से आएंगे। अगर 2013-14 में प्रापर्टी टैक्स लागू करने के दौर की बात करें तो उस समय 150 करोड़ जुटाने का दावा किया गया था, लेकिन प्रापर्टी टैक्स पैट्रन को लेकर काफी विरोध होने कारण उसकी दरें कम करनी पड़ीं और कई कैटागरी को माफी दी गई। जिस कारण प्रापर्टी टैक्स कलैक्शन 2013 से पहले हो रही हाऊस टैक्स की वसूली से भी डाऊन हो गई। जो आंकडा हर साल नीचे आ रहा है।
कांग्रेस ने किया था प्रापर्टी टैक्स खत्म करने का वायदा
पंजाब में हाऊस टैक्स की जगह प्रापर्टी टैक्स लागू करने की प्रक्रिया करीब एक दशक से चल रही थी, लेकिन सियासी नुक्सान होने के डर से कोई सरकार इस बारे में फैसला नहीं ले पाई, लेकिन केन्द्र द्वारा ग्रांटें देने के लिए लगाई शर्तों को पूरा करने के नाम पर अकाली-भाजपा ने यह कड़वा घूंट भरा, जिसमें रिहायशी परिसरों को मिल रही माफी खत्म हो गई है, उसके मद्देनजर कांग्रेस ने चुनावों में प्रापर्टी टैक्स खत्म करने का वायदा किया था, लेकिन उस पर अमल की बात आने पर नेता अब कन्नी काटते हैं।
सैल्फ असैस्मैंट के प्रावधान कारण हर साल डाऊन आ रही रिटर्नों की संख्या
हाऊस टैक्स में किराएनामे या इलाके में चल रही किराए की दर के हिसाब से असैस्मैंट करने की आड़ में भ्रष्टाचार होने की शिकायतें मिलने के मद्देनजर सरकार ने प्रापर्टी टैक्स में सैल्फ असैस्मैंट का प्रावधान रखा है, जिसमें जो लोग एक बार खुद टैक्स भरने आ गए, उनको ही अगले साल की रिटर्न न भरने का नोटिस भेजा जाता है, जबकि कभी टैक्स न भरने वालों को पूछने का अब तक कोई सिस्टम नहीं बनाया गया, जिस कारण रिटर्नों की संख्या हर साल डाऊन आ रही है।
इन हालातों की तरफ कौन देगा ध्यान
-निगम द्वारा करवाए सर्वे में सामने आए यूनिट : करीब 4 लाख
-2013-14 में आई रिटर्नें : करीब 3 लाख
-2014-15 में कई कैटागरी को मिल गई माफी
-खाली प्लाट, 50 गज के मल्टीस्टोरी व 125 गज तक सिंगल स्टोरी रिहायशी मकान
-सरकारी स्कूल व अस्पताल भी हुए शामिल
-रिटर्नों की संख्या घटकर रह गई 2 लाख
-2015-16 में आई रिटर्नें : 1.90 लाख
-2016-17 में आई रिटर्नें : 1.60 लाख
-अब तक आई सिर्फ 47 हजार रिटर्नें