Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 01:03 PM
प्रापर्टी टैक्स में जहां कभी भी व 1 या 2 साल के बाद दोबारा रिटर्न न भरने से जुड़े पहलू तो शामिल हैं ही, एक मुद्दा गलत जानकारी देकर टैक्स चोरी
लुधियाना (हितेश): प्रापर्टी टैक्स में जहां कभी भी व 1 या 2 साल के बाद दोबारा रिटर्न न भरने से जुड़े पहलू तो शामिल हैं ही, एक मुद्दा गलत जानकारी देकर टैक्स चोरी करने का भी है। जिनको पैनल्टी लगाने बारे नोटिस तो नगर निगम ने जारी कर दिए, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की। जिसे लेकर अब विजीलैंस द्वारा रिपोर्ट मांगने पर अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रापर्टी टैक्स को पहले चरण में कलैक्टर रेट के पैटर्न पर लागू किया गया था। लेकिन सैल्फ असैस्मैंट का फायदा उठाते हुए लोगों ने एरिया व रोड के बारे में गलत जानकारी देकर निगम को चूना लगाया। ऐसा ही मामला लैंड यूज या कवरेज एरिया की पूरी डिटेल न देकर चोरी करने का भी है। जिन लोगों को आनन-फानन में नोटिस जारी किए तथा कई मामलों में रिकवरी तक दिखाई गई। लेकिन विजीलैंस जांच के ठंडा पड़ते ही अफसर भी आराम से बैठ गए। अब विजीलैंस ने निगम कमिश्नर को नए सिरे से पत्र लिखकर डिटेल मांगी है कि पहले दिए गए नोटिसों पर क्या कार्रवाई हुई है।
इस तरह लगाया गया निगम को चूना
विजीलैंस जांच में कई ऐसे केस भी सामने आए थे, जिन परिसरों की एंट्री मेन गेट से थी, लेकिन एंट्री साथ लगती या पिछली गली से दिखाई गई थी, ताकि कलैक्टर रेट कम लगे। इसी तरह कुछ मंजिलों को काम होने के बावजूद रिटर्न में खाली दिखाया गया। काफी लोगों ने किराए पर दी प्रापर्टी को सैल्फ कमॢशयल बताया गया और कई जगह कमर्शियल गतिविधियां होने के बावजूद इंडस्ट्रीयल या रिहायशी दरों पर टैक्स भरा गया।