Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:44 AM
शहर में पिछले एक दशक से 100 से ज्यादा दड़े-सट्टे की दुकानें चलाने वाले वह सट्टेबाज जिनका नाम ‘क’ अक्षर से शुरू होता है, ने मेघालय स्टेट की लाटरी की आड़ में दिल्ली की पर्ची लगा रोजाना एक-एक दुकान से हजारों नहीं लाखों रुपए इकट्ठे कर अपनी करोड़ों...
जालंधर(राज): शहर में पिछले एक दशक से 100 से ज्यादा दड़े-सट्टे की दुकानें चलाने वाले वह सट्टेबाज जिनका नाम ‘क’ अक्षर से शुरू होता है, ने मेघालय स्टेट की लाटरी की आड़ में दिल्ली की पर्ची लगा रोजाना एक-एक दुकान से हजारों नहीं लाखों रुपए इकट्ठे कर अपनी करोड़ों रुपयों की बेनामी सम्पत्तियां पंजाब ही नहीं हिमाचल के कई शहरों में बना रखी हैं।
बताया जाता है कि उक्त सट्टेबाजों ने अपनी काली कमाई से कुछ पुलिस अधिकारियों को महीना लगा कर उनका मुंह बंद कर रखा है तभी बीते 15 दिनों से इनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है, जिस कारण पुलिस पर सवालिया निशान लगना स्वाभाविक है। वहीं थाना नं. 1 के क्षेत्र में जो सट्टे की दुकानें चल रही थीं वह बंद पड़ी हैं और दड़े-सट्टे के संचालक व उनके कारिंदे भूमिगत हो गए हैं।
4 दिन से दुकानें बंद, इलाके की महिलाएं खुश: पंजाब केसरी की टीम ने आज सट्टेबाजों के विरुद्ध काम कर रही इंडस्ट्रीयल एरिया की संस्था के पदाधिकारियों को साथ लेकर डिवीजन नं. 1 के कई इलाकों की महिलाओं से बात की और पूछा कि यह दड़े-सट्टे की दुकानें बंद होने के बाद आप कैसा महसूस कर रही हैं तो उन्होंने बताया कि पहले तो हमारे पति टाइम पर घर ही नही आते थे और घर में खर्चा भी न के बराबर देते थे परंतु पिछले 4 दिनों से घर भी समय पर आ रहे हैं और घर खर्च के लिए रुपए भी दे रहे हैं। हमें बहुत खुशी है और हम पंजाब केसरी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने यह दुकानें बंद करवा कर हमें खुशी दी है।