Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 11:43 AM
तरह-तरह के किस्सों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले तहसील परिसर में बुधवार को भी काफी मकोदार नकाारा देखने को मिला। चहार बाग
जालंधर (अमित): तरह-तरह के किस्सों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले तहसील परिसर में बुधवार को भी काफी मकोदार नकाारा देखने को मिला। चहार बाग में 2 मंकिाला मकान जिसकी कीमत 32 लाख रुपए है, की रजिस्ट्री करवाने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय स्मृति मंच के प्रदेश महामंत्री अशोक सरीन हिक्की ने ए.डी.सी. के पास लिखित रूप से तहसीलदार की शिकायत करते हुए उस पर रजिस्ट्री करने के बदले रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाए, मगर शाम को उक्त युवक ने लिखित रूप से माफी मांगकर अपनी शिकायत वापस लेते हुए रजिस्ट्री करवाई। लगभग 4 घंटे तक तहसील में हाई-प्रोफाइल ड्रामा चलता रहा और इस बीच कई उतार-चढ़ाव आए और दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप भी लगते रहे जिसमें तहसीलदार के खिलाफ डिवीकानल कमिश्नर के पास शिकायत देने के साथ-साथ कई जगह से फोन करवाकर किसी तरह रजिस्ट्री करवाने की सिफारिशें डलवाना तक शामिल है।
क्या है मामला, कैसे हुई शिकायत?
ई.एम. 236, मोहल्ला कोट पक्षियां, जालंधर निवासी मनू पुत्र पूरन चंद अपने मकान की रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसीलदार-1 करनदीप सिंह भुल्लर के पास गया। जब तहसीलदार के पास दस्तावेज पेश किए गए तो उन्होंने खरीदार से कहा कि उक्त जगह लाल लकीर में है इसलिए पहले पटवारी से इसकी रिपोर्ट करवानी होगी तभी रजिस्ट्री हो सकेगी। इसी बीच खरीदार के पक्ष में आए अशोक सरीन ने मामले को लेकर डी.सी. को फोन करके तहसीलदार के खिलाफ शिकायत देने की बात कही। डी.सी. ने कहा कि वह 3 बजे आएंगे तब वह शिकायत दे सकते हैं। 3 बजे डी.सी. के न आने की वजह से ए.डी.सी. के पास शिकायत दी गई। जैसे-जैसे समय बीतने लगा खरीदार पक्ष की बेचैनी बढऩे लगी और उनके द्वारा किसी भी तरह से रजिस्ट्री करवाने का प्रयास शुरू हो गया। खरीदार ने लिखित रूप से तहसीलदार से माफी मांगी और कहा कि अशोक सरीन ने किसी गलतफहमी के चलते शिकायत दे दी है इसलिए उक्त शिकायत पर कोई कार्रवाई न करके उसे दाखिल दफ्तर कर दिया जाए। खरीदार मनू के साथ आए उसके भाई रोहित ने ए.डी.सी. के पास निजी तौर पर जाकर भी अपनी शिकायत वापस लेने संंबंधी अवगत करवाया। मगर पूरे मामले में यह देखने को मिला कि रजिस्ट्री करवाने आए युवा नेता ने देर शाम तक रजिस्ट्री करवाकर ही दम लिया।
32 लाख की रजिस्ट्री के लिए 14 हजार की रिश्वत मांगने के लगे आरोप
अशोक सरीन द्वारा दी गई शिकायत में लिखा गया था कि तहसीलदार ने उनके दोस्त की 32 लाख की रजिस्ट्री करने के बदले 14 हजार रुपए की रिश्वत मांगी है और कहा है कि अगर पैसे न दिए तो किसी न किसी बहाने से रजिस्ट्री रोक दी जाएगी। अशोक सरीन ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा था कि प्रति 5 लाख के बदले 2 हजार रुपए की मांग की जाती है और तहसील में भ्रष्टाचार फैला हुआ है इसलिए तहसीलदार के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए।