Edited By Updated: 24 May, 2017 04:47 PM
लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ के माडल टाऊन इलाके में स्थित 54 बीघा शामलाट जमीन पर बनी करीब एक दर्जन छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों पर यहां से
मंडी गोबिंदगढ़: लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ के माडल टाऊन इलाके में स्थित 54 बीघा शामलाट जमीन पर बनी करीब एक दर्जन छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों पर यहां से उक्त जमीन को खाली करने की तलवार लटक गई है। इस बारे हाईकोर्ट ने उक्त इकाइयों के मालिकों को स्थानीय लोगों की जानमाल की रक्षा के लिए शामलाट जमीन को छोडऩे के आदेश दे दिए हैं। इस फैसले के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अमित रावल ने सुनाया है।
बता दें कि उक्त 54 बीघा जमीन को नगर पंचायत नसराली ने वर्ष 1972 के आसपास उद्यमियों को लीज पर दिया हुआ था। इसी साल नसराली नगर पंचायत के नगर कौंसिल मंडी गोबिंदगढ़ में तबदील होने के बाद लीज पर दी गई जमीन का कोई पैसा कौंसिल के खाते में नहीं आया। स्थानीय लोगों ने अपने घरों की छतों में आई दरारों के चलते उक्त औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा दिया, रोड जाम किए, हड़तालें कीं, धरना प्रदर्शन हुए और संबंधित सरकारों एवं उच्चाधिकारियों को कौंसिल की जमीन खाली कर उनके जान-माल की रक्षा की अपीलें की गईं। आखिर वर्ष 2014 में नगर कौंसिल की एक महिला प्रशासक ने इस मामले की गहनता से जांच के लिए डिप्टी डायरैक्टर स्थानीय निकाय विभाग लुधियाना की अदालत में केस दायर करवाकर करोड़ों रुपयों की रिकवरी की मांग कर उक्त जगह को खाली करवाने की कवायद शुरू कर दी थी।
जहां गहनता से जांच के बाद उद्यमियों का 2014 तक करीब 22 करोड़ बकाया होना पाया गया। इस सारे मामले का हाईकोर्ट में मुफ्त में केस लडऩे वाले एडवोकेट स्वर्ण सिंह टिवाणा ने बताया कि हाईकोर्ट की तरफ से आम लोगों के साथ संबंधित इस मामले को बहुत ही संजीदगी के साथ लेते हुए उनके हक में फैसला दिया गया है ताकि इलाका निवासियों की जान-माल की रक्षा हो सके।