Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 11:09 AM
अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान जालन्धर नगर निगम के पार्षद हाऊस की आखिरी बैठक दौरान भी जहां जमकर हंगामा हुआ वहीं नगर
जालन्धर(अश्विनी खुराना): अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान जालन्धर नगर निगम के पार्षद हाऊस की आखिरी बैठक दौरान भी जहां जमकर हंगामा हुआ वहीं नगर निगम में चंद दिनों के मेहमान रह गए मेयर सुनील ज्योति जाते-जाते भी 3,500 करोड़ रुपए के प्रोजैक्टों को मंजूरी दिलवा गए।
6 महीने से बजट की बैठक को लेकर चल रही थी कश-म-कश
हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव दौरान जबरदस्त समर्थन से कांग्रेस सरकार आने के बावजूद जालन्धर नगर निगम के कांग्रेसी पार्षद आज अकाली-भाजपा गठबंधन पर दबाव नहीं बना पाए जिस कारण नगर निगम का 537 करोड़ रुपए का बजट उक्त प्रोजैक्टों सहित 5 मिनटों में बगैर चर्चा के ही पास हो गया। कांग्रेस की इच्छा के विपरीत मेयर सुनील ज्योति पार्षद हाऊस के पूरे एजैंडे को भी बगैर चर्चा के ही पास करवाने में सफल रहे। गौरतलब है कि नगर निगम का बजट मार्च महीने में पास करवाना होता है जिसके लिए पार्षद हाऊस की एक बैठक 31 मार्च को रखी गई थी परन्तु उस बैठक में कांग्रेसी विधायकों और पार्षदों के जबरदस्त हंगामे के बीच मेयर सुनील ज्योति बजट ही पेश नहीं कर पाए थे जिस कारण शहर का विकास रुका हुआ था। पिछले 6 महीने से अकाली-भाजपा और कांग्रेस के बीच बजट की बैठक को लेकर कश-म-कश चल रही थी। बैठक न होने के कारण नगर निगम कोई भुगतान नहीं कर पा रहा था। कांग्रेसियों द्वारा कई तरीकों से दबाव बनाने के बावजूद आज हुई बैठक दौरान कांग्रेसी पार्षद दल बैठक में अपना दबदबा नहीं बना पाए। बैठक के शुरू में मेयर सुनील ज्योति ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की माता, पार्षद कस्तूरी लाल तथा कुछ अन्य के देहान्त पर श्रद्धांजलि प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसके तहत 2 मिनट का मौन रखा गया।
जीरो ऑवर को लेकर अड़ गए मेयर
हर बार हाऊस की बैठक में जीरो ऑवर अलॉट किया जाता है ताकि पार्षद अपने-अपने वार्ड की समस्या रख सकें परन्तु इस बार बैठक दौरान मेयर अड़ गए कि पहले बजट पास होगा, उसके बाद जीरो ऑवर दिया जाएगा। कांग्रेसी पार्षद दल के नेता जगदीश राजा ने इसका जबरदस्त विरोध किया और कहा कि मेयर की डिक्टेटरशिप नहीं चलने दी जाएगी। कांग्रेसी पार्षदों सुरिन्द्र कौर, देसराज जस्सल, मंदीप जस्सल, डा. प्रदीप राय तथा अन्य ने जीरो ऑवर की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया परन्तु मेयर टस-से-मस नहीं हुए। इस मामले में अकाली-भाजपा पार्षदों ने मेयर का साथ दिया। जबरदस्त हंगामे कारण मेयर को एक बार हाऊस की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।
भाटिया ने अपने निलम्बन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया
सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया ने पार्षद हाऊस की बैठक दौरान मेयर सुनील ज्योति से तीखी बहस करते हुए उनके सामने सवाल रखा कि क्या वह इस बैठक में भाग ले सकते हैं। भाटिया ने बताया कि मेयर ने उन्हें हाऊस से सस्पैंड किया था परन्तु पंजाब सरकार ने उनके प्रस्ताव को मंजूर ही नहीं किया। भाटिया ने कहा कि मेयर ने नियमों के विपरीत जाते हुए हाऊस में उनके व्यवहार की शिकायत विजीलैंस से की थी, जिस पर कुछ भी नहीं हुआ। सूत्र बताते हैं कि शिरोमणि अकाली दल के नव-नियुक्त प्रवक्ता पवन टीनू की दखलअंदाजी के कारण इस बार भाटिया हाऊस की बैठक में ज्यादा हंगामा नहीं कर पाए।
ब्यास से जालन्धर पानी लाने वाला प्रोजैक्ट पास
कांग्रेस ने रणनीति बनाई थी कि इस बार सिर्फ बजट पास होने दिया जाएगा और मेयर द्वारा तैयार बाकी एजैंडा पैंडिंग रखवाया जाएगा परन्तु कांग्रेस इस गेम में विफल रही। मेयर पूरा एजैंडा पास करवाने में सफल रहे और कांग्रेसी किसी प्रस्ताव पर विरोध भी नहीं जता सके। आज हुई बैठक दौरान मुख्य प्रस्ताव जो पास हुआ, उसके तहत ब्यास दरिया का पानी पाइपलाइन के माध्यम से जालन्धर लाया जाएगा जो शहरियों को पीने हेतु उपलब्ध करवाया जाएगा। इस प्रोजैक्ट पर 2,000 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी जिसके लिए फंड उपलब्ध करवाने की अनुमति एशियन डिवैल्पमैंट बैंक द्वारा दी जा चुकी है। बैठक दौरान शहर में स्ट्राम वाटर सीवर डालने हेतु 800 करोड़ रुपए और बस्ती पीरदाद में नया ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने हेतु 60 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इन दोनों प्रोजैक्टों हेतु फंड की व्यवस्था ए.डी.बी. द्वारा ही की जाएगी। इसके अलावा वरियाणा प्लांट में बायो-माइनिंग प्रोजैक्ट लगाने तथा मकसूदां सब्जी मंडी में बायो-मिथनाइजेशन प्लांट स्थापित करने के प्रोजैक्टों को भी मंजूर कर लिया गया। मेयर सुनील ज्योति ने बताया कि स्मार्ट सिटी में जालन्धर को लाने के बाद उन्हें आज पास हुए प्रोजैक्टों को लेकर काफी राहत मिली है।