Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 04:52 PM
बदलती तारीखों के साथ-साथ गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की असिस्टैंट प्रो. सुखप्रीत कौर का अपहरण कांड जहां पुलिस के गले की फांस बना हुआ, वहीं अपहरणकर्ता जतिन्द्र सिंह गैरी द्वारा की गई आत्महत्या ने तो एक बार पुलिस की जांच को रोक ही दिया था।
अमृतसर (संजीव): बदलती तारीखों के साथ-साथ गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की असिस्टैंट प्रो. सुखप्रीत कौर का अपहरण कांड जहां पुलिस के गले की फांस बना हुआ, वहीं अपहरणकर्ता जतिन्द्र सिंह गैरी द्वारा की गई आत्महत्या ने तो एक बार पुलिस की जांच को रोक ही दिया था।
मगर पुलिस अब पेचीदा हो चुके अपहरण कांड में गैरी की आत्महत्या के कारणों को सुखप्रीत की संभावित हत्या के साथ जोड़ कर देख रही है। अपहरण कांड के 44 दिन बीत जाने के उपरांत भी पुलिस के हाथ प्रो. सुखप्रीत कौर का कोई ठोस सुराग नहीं लगा है। यही कारण है कि अब पुलिस को उसके जिंदा होने की उम्मीद भी कम दिखाई दे रही है। हाल ही में पुलिस गोवा से गैरी की गाड़ी को मोहाली स्थित फॉरैंसिक विभाग लेकर आई है जहां गाड़ी की जांच चल रही है।
फॉरैंसिक विभाग गेरी की गाड़ी में से ब्लड सैंपल की तलाश में है। इसी के साथ-साथ जी.टी. रोड पर स्थित होटल जे-7 के उस कमरे की भी फॉरैंसिक जांच करवाई जा रही है, जहां गैरी प्रो. सुखप्रीत को अपहरण के बाद लेकर गया था। अपहरण कांड के उपरांत से ही पुलिस ने उस कमरे को सील कर दिया था, जिसे डाक्टरों की टीम ने अब खोला है और वहां से कुछ सुराग जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
होटल जे-7 के वेटर ने पुलिस को यह बताया था कि गैरी सुबह प्रो. सुखप्रीत कौर के साथ ही होटल से निकला था। यहां यह आश्चर्यजनक पहलू है कि होटल जे-7 से जी.टी. रोड पर स्थित जगतजीत इंडस्ट्री का रास्ता मात्र 15 मिनट का है, जबकि पुलिस जांच में टावर लोकेशन यह बता रही है कि गैरी ने इस 15 मिनट के सफर को करीब सवा घंटे में पूरा किया था। इस बीच गैरी ने प्रो. सुखप्रीत कौर के साथ क्या किया यह भी पुलिस जांच का एक पहलू है।
गुरु नानक देव यूनिवर्टीसि की प्रो. सुखप्रीत के अपहरण कांड को इंस्पैक्टर प्रवेश चोपड़ा की टीम 44 दिनों से सुलझाने में जुटी हुई है। हर पहलू की गंभीरता के साथ खोजबीन चल रही है, मगर विडंबना यह है कि कड़ी मेहनत के उपरांत भी टीम के हाथ जहां कोई भी सुराग नहीं लगा, वहीं पुलिस को अब यह डर भी सताने लगा है कि कहीं अपहरणकर्ता गैरी ने प्रो. सुखप्रीत कौर की हत्या न कर दी है। गैरी द्वारा आत्महत्या कर लेने के उपरांत प्रो. सुखप्रीत कौर के पुलिस के सामने आने के पीछे कोई भी ऐसा खतरा दिखाई नहीं दे रहा है, मगर इसके बावजूद अगर वह कहीं भी है तो वह क्यों अपने घर वालों व पुलिस के साथ सम्पर्क नहीं कर पाई, यह भी एक बड़ा सवाल है।
फ्लैश बैक
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की असिस्टैंट प्रो. सुखप्रीत कौर 11 सितम्बर को अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में गुम हो गई थी। थाना कैंटोनमैंट की पुलिस ने जब इस मामले में जांच शुरू की तो यूनिवॢसटी के सामने स्थित यू.टी. मार्कीट से मिली एक सी.सी.टी.वी. की एक फुटेज ने यह साफ कर दिया था कि प्रो. सुखप्रीत फैकल्टी हाऊस से जतिन्द्र सिंह गैरी से मिलने गई थी जहां से वह उसे अपनी कार में बैठा कर ले गया था।
अमृतसर से निकलने के उपरांत गैरी ने प्रो. सुखप्रीत को अमृतसर-जालंधर जी.टी. रोड पर स्थित होटल जे-7 में ठहराया जहां से वह अगले दिन सुबह जालंधर-रोपड़ मार्ग पर रवाना हो गया था। जब पुलिस ने रोपड़ के टोल प्लाजा की सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाली तो गाड़ी में गैरी अकेला दिखाई दिया, जिस कारण पुलिस जांच टीम की शंका की सुई प्रोफैसर की हत्या की ओर मुड़ गई, इस कारण पुलिस 3 दिन तक सुभानपुर, ब्यास व ढिलवां की सभी नहरों को खंगलाने में जुट गई। इस दौरान पुलिस ने गोताखोरों का भी सहारा लिया, जिसके उपरांत पुलिस नूहो कालोनी रोपड़ को खंगालने के उपरांत गैरी की गाड़ी जहां-जहां गई, उसका पीछा करने लगी।
जैसे ही गैरी पंचकूला से पिंजोर की पहाडिय़ों में गया, जहां वह करीब 4 घंटे तक रुका था, पुलिस ने पिंजौर की खड्डों का चप्पा-चप्पा खंगाल दिया मगर यहां भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। गैरी हर रोज अपनी लोकेशन बदल रहा था और पुलिस उसकी कार का पीछा कर रही थी। जहां-जहां से गैरी की गाड़ी गुजर रही थी पुलिस उस रास्ते में आने वाले हर टोल प्लाजा की सी.सी.टी.वी. फुटेज को सूत्र बना कर चल रही थी। बस यही एक उम्मीद थी कि गैरी की गिरफ्तार प्रो. सुखप्रीत के अपहरण कांड को सुलझा देगी।
पुलिस की यह उम्मीद उस समय टूट गई जब जतिन्द्र गैरी ने गोवा से सटे अमरोही शहर के एक गैस्ट हाऊस में खुद को फंदा लगा आत्महत्या कर ली। वहां पुलिस पहुंची तो जरूर मगर तब तक समय हाथ से निकल चुका था और गैरी अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुका था। अब प्रो. सुखप्रीत अपहरण कांड के मुख्य सूत्र गैरी की आत्महत्या ने पुलिस जांच पर ब्रेक लगा दी। पुलिस को अपनी जांच एक बार फिर से होटल जे-7 से शुरू करनी पड़ी। गोवा के गैस्ट हाऊस पहुंची पुलिस की टीम वहां से गैरी की गाड़ी को एक ट्रक में लाद कर मोहाली लेकर आई जहां अब उसकी खोजबीन चल रही है।