डेंगू के मरीजों का शोषण नहीं कर पाएंगे प्राइवेट डाक्टर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 03:14 PM

private doctors will not be able to exploit dengue patients

डेंगू को लेकर अब प्राइवेट डाक्टर तथा अस्पताल मरीजों का शोषण नहीं कर पाएंगे। जिला प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों तथा डाक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं

अमृतसर (दलजीत): डेंगू को लेकर अब प्राइवेट डाक्टर तथा अस्पताल मरीजों का शोषण नहीं कर पाएंगे। जिला प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों तथा डाक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि डेेंगू के मरीज को गुमराह किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों को भी हिदायत दी है कि डेंगू की रोकथाम के लिए कमर कस लें।

लोगों को इस संबंधी अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। डेंगू की रोकथाम के लिए डिप्टी कमिश्नर के निर्देशों पर आज सभी विभागों के अधिकारियों की मीटिंग ए.डी.सी. रविन्द्र सिंह के नेतृत्व में हुई जिसमें स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, लोकल बॉडीज विभाग, पंजाब रोडवेज, शिक्षा विभाग, वाटर सप्लाई एंड सैनीटेशन, आई.एम.ए., मछली पालन विभाग, कृषि विभाग, पंजाब मंडी बोर्ड और पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। ए.डी.सी. ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ मिल कर काम करेंगे जिससे जिले में डेंगू को फैलने से हर हाल में रोका जाए।

उन्होंने कहा कि शहर में मच्छर ज्यादा होने के कारण शहरी जनसंख्या को विशेष तौर पर जागरूक किया जाए। इसके अलावा शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में विद्याॢथयों को डेंगू के लक्षणों और बचाव संबंधी जागरूक करने के लिए विशेष प्रयत्न करे। सेहत विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि जिले में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के पीड़ित मरीजों की जानकारी रखी जाए जिससे समय पर ऐसे मरीजों का इलाज किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के लिए भी यह लाजिमी है कि वे अपने अस्पताल में इलाज के लिए आए हर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू के मरीजों की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दे। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज और सभी टैस्ट करने की सुविधा उपलब्ध है। यदि कोई निजी अस्पताल ऐसे मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं देगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सिविल सर्जन को हिदायत दी कि सूचना न देने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ मैडीकल कौंसिल ऑफ इंडिया को उन्होंने अस्पतालों की रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिखा जाए। 

डेंगू के टैस्ट सरकारी अस्पताल में मुफ्त
जिला मलेरिया अधिकारी डा. मदन मोहन ने कहा कि सरकारी अस्पताल में यदि कोई भी संदिग्ध मरीज आता है तो उसका टैस्ट बिल्कुल मुफ्त सरकारी मैडीकल कालेज की लैब में किया जाता है। पॉजिटिव केस होने की सूरत में सरकारी अस्पताल में दवा बिल्कुल मुफ्त दी जाती है जबकि इसके विपरीत प्राइवेट डाक्टर मरीजों की स्थिति का नाजायज फायदा उठा रहे हैं और टैस्ट के 5,000 से लेकर 6,000 रुपए तक वसूल रहे हैं और दवा का एक पत्ता करीब 500 रुपए में बेच रहे हैं।

उन्होंने अलग-अलग विभागों से अपील की कि आम लोगों को गुमराह होने से बचाने में स्वास्थ्य विभाग की मदद की जाए। जहां भी कोई ऐसा मरीज उनके सम्पर्क में आता है तो उसको केवल और केवल सरकारी अस्पताल में ही इलाज के लिए भेजा जाए। इस अवसर पर निगम के सेहत अधिकारी डा. राजू चौहान भी मौजूद थे।

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