Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 11:54 AM
जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत पिछले कई वर्षों से लुधियाना से शाहकोट रूट पर चलने वाली बसों पर पूरी तरह लागू होती है, क्योंकि वे अपनी मनमर्जी के अनुसार ही लुधियाना से शाहकोट जाने के स्थान पर नकोदर से ही बसों को वापस ले जाते हंै, जिस कारण शाहकोट के...
शाहकोट( मरवाहा,त्रेहन): जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत पिछले कई वर्षों से लुधियाना से शाहकोट रूट पर चलने वाली बसों पर पूरी तरह लागू होती है, क्योंकि वे अपनी मनमर्जी के अनुसार ही लुधियाना से शाहकोट जाने के स्थान पर नकोदर से ही बसों को वापस ले जाते हंै, जिस कारण शाहकोट के यात्रियों को परेशानी का सामना पड़ रहा है, जबकि परिवहन विभाग कुम्भकरणी नींद सोया हुआ है।
इस महत्वपूर्ण रूट के सभी बस अडडें पर सारा दिन यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। इसके बावजूद इस रूट पर पूरे दिन में केवल 2-3 सरकारी बसें ही चलती हैं, जबकि निजी बसों की भरमार है। जो कुछेक सरकारी बसें चलती हैं उन्हें भी काफी समय तक रोककर रखा जाता है, जिसका एक उदाहरण है लुधियाना डिपो की एक बस जोकि दोपहर के समय शाहकोट पहुंचती है। वापसी पर यह बस दोपहर को करीब डेढ़ बजे शाहकोट से चलती है। 2 बजे यह बस नकोदर बस अडड्े पर पहुंचती है। इस बस में शाहकोट तथा मलसियां से काफी संख्या में यात्री चढ़ते हैं। इसके बावजूद इस बस को नकोदर के बस अड्डे पर 1 घंटे तक रोक कर रखा जाता है ताकि निजी बसों को पहले भेजा जा सके, जिस कारण सरकारी बस में बैठे यात्रियों को निजी बसों में बिठाकर भेज दिया जाता है। इस तरह जहां शाहकोट तथा मलसियां से नूरमहल, फिल्लौर तथा लुधियाना को जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं सरकारी बसों को भी आॢथक नुक्सान उठाना पड़ रहा है, जबकि निजी बस कंपनियां मालामाल हो रही हैं।
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि जो सरकारी बसें इस रूट पर चलाई जा रही हैं, उनकी हालत भी ठीक नहीं है। लुधियाना से चलकर दोपहर 1 बजे के करीब शाहकोट पहुंचने वाली सरकारी बस को वापसी के समय यात्रियों को खुद धक्का लगाकर स्टार्ट करवाना पड़ता है। इस संबंध में जब बस के चालक तथा परिचालक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में वे डिपो के उच्चाधिकारियों को सूचित कर चुके हैं। क्षेत्र निवासियों ने परिवहन विभाग से मांग की है कि लुधियाना से शाहकोट रूट पर चलने वाली बसों का शाहकोट तक आना सुनिश्चित किया जाए। शाहकोट से लुधियाना जाने वाली सरकारी बसों को नकोदर बस अड्डे पर अधिक समय तक न रोका जाए। इस रूट पर सरकारी बसों की संख्या बढ़ाई जाए। देर शाम तक लुधियाना से शाहकोट के लिए बस सर्विस शुरू की जाए।