कैदियों का जेल में वापस न आना बना पहेली,ज्यादातर कैदी खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 10:18 AM

prisoners do not come back to prison

फगवाड़ा सब-जेल से गत सप्ताह फरार हुए 2 कैदियों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। उक्त कैदियों को खोजने व इन्हें गिरफ्तार करने हेतु एक ओर जहां सिटी पुलिस फगवाड़ा सहित इस मामले में गठित की गई पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं, वहीं यह सस्पैंस बरकरार है...

फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा सब-जेल से गत सप्ताह फरार हुए 2 कैदियों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। उक्त कैदियों को खोजने व इन्हें गिरफ्तार करने हेतु एक ओर जहां सिटी पुलिस फगवाड़ा सहित इस मामले में गठित की गई पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं, वहीं यह सस्पैंस बरकरार है कि उक्त कैदी जेल से फरार होने के बाद कहां चंपत हो गए हैं।

कहते हैं कि अपराध की दुनिया के रंग बेहद अलग होते हैं और कानून एक ना एक दिन शातिर से शातिर अपराधी को अपनी गिरफ्त में लेकर जेल की सलाखों के पीछे धकेल देता है। लेकिन शायद यह कहावत अब बीते जमाने की हकीकत मात्र ही बनकर रह गई है क्योंकि वर्तमान में अब अपराधी पुलिस व जेल प्रशासन पर हावी है। पंजाब में जिस प्रोफैश्रल ढंग से देश की हाई सिक्योरिटी नाभा जेल से कुछ अर्सा पहले पंजाब के कई खतरनाक किलर व गैंगस्टर एक साथ फरार हुए, उसने एक साथ अपराध की दुनिया के बेताज गैंगस्टरों के हौसलों और प्रोफैश्रल ढंग से जेल ब्रेक करने की तकनीक तथा इसे लेकर तैयार की जाती रणनीति का प्रमाण दे दिया है। 

1000 से ज्यादा कैदियों को पैरोल पर किया गया था रिहा 
वहीं अब पंजाब की बेहद सुरक्षित मानी जाती कपूरथला जेल से अब तक पैरोल पर गए अनेक कैदी पहेलीपूर्ण हालात में गायब हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार गत 11 वर्षों में कपूरथला माडर्न जेल से सभी सरकारी व कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद तयशुदा नियमों के अधीन करीब 1000 से ज्यादा कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था। सूत्रों के अनुसार इनमें से करीब 6 दर्जन से ज्यादा कैदियों द्वारा पैरोल के नियमों को तोड़ जेल में वापसी ही नहीं हुई। इसके बाद संबंधित पुलिस थानों को जेल प्रशासन द्वारा की गई सूचना के बाद एक दर्जन से ज्यादा कैदियों को विभिन्न स्थानों से पुलिस ने पुन: गिरफ्तार कर जेल जरूर भेजा है।

हालांकि इस कड़ी में अनेक कैदी ऐसे भी हैं जो अब भी जेल में वापस रिपोर्ट नहीं हो सके हैं। सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर कैदी खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। इस संबंधी जेल प्रशासन का तर्क है कि उक्त कैदियों की पैरोल पश्चात हुई फरारी को लेकर जेल प्रबंधन द्वारा इनके संबंधित पुलिस थानों को आधिकारिक स्तर पर सूचना दे दी गई है। अब इनकी पुन: गिरफ्तारी की जिम्मेदारी उक्त पुलिस थानों की है। 

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