Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 12:19 AM
पंजाब में रेत-बजरी की कीमतों और कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर अपने...
चंडीगढ़: पंजाब में रेत-बजरी की कीमतों और कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर अपने कर्मचारियों के नाम पर रेत के खदानों की बोली में शामिल होने के आरोपों के मुद्दे पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकत्र्ताओं ने सोमवार को प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन किए।
पार्टी के प्रदेश सचिव विनीत जोशी ने बताया कि युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने अमृतसर, जालंधर और पटियाला में प्रदर्शन किए। प्रदर्शन कर रहे युवा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की कि राणा गुरजीत से संबंधित मामले की सी.बी.आई. जांच करवाई जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह मांग भी की कि वह हर घर में एक नौकरी न मिलने तक प्रत्येक युवा को 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता, हर युवा को स्मार्टफोन, ग्रामीण युवाओं को हरा ट्रैक्टर योजना का चुनावी वायदा तुरंत पूरा करें।
जोशी के अनुसार अमृतसर में प्रदर्शन की अगुवाई युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष शिवबीर राजन व जिलाध्यक्ष सलिल कपूर ने की जबकि पटियाला में युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव अनुज छाहरिया व जिलाध्यक्ष वरुण जिंदल ने विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं का नेतृत्व किया। जालंधर में प्रदेश उपाध्यक्ष हर्ष शर्मा और जिलाध्यक्ष मनीष विज ने प्रदर्शन की अगुवाई की।
विपक्ष से ज्यादा सत्ताधारी विधायक तैयार कर रहे मंत्री राणा के खिलाफ माहौल
10 वर्षों तक सत्ता सुख भोगने के बाद सत्ता विमुख हुए अकाली-भाजपा गठबंधन के खिलाफ विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा नुक्सान करने वाले मुद्दों में शामिल रेत खनन मुद्दा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार पर भी भारी पड़ता नजर आ रहा है। मंत्रिमंडल में शामिल ताकतवर मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर अपने रसोइए के नाम पर रेत खड्ड लेने संबंधी लगे आरोपों को विपक्ष की बजाय सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के अपने विधायकों से ज्यादा हवा मिलती दिखाई दे रही है। मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों से सरगर्म हुए कई विधायक मंत्री पद पाने की लालसा में अंदर ही अंदर इस मुद्दे को गर्माने में सक्रिय हो गए हैं ताकि अगर राणा की मंत्रिमंडल से छुट्टी होती है तो खाली होने वाले पद पर उनका निशाना लग जाए।
अकाली-भाजपा सरकार के खिलाफ चिट्टे के साथ रेत खनन ऐसा मुद्दा रहा है जिसे गर्माने में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व ‘आप’ ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इन्हीं मुद्दों को काऊंट करने में असफल गठबंधन सरकार को आखिरकार चुनावों में करारी हार मिली व कांग्रेस पार्टी स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ पहुंची। रेत की खड्डों की नीलामी को पारदर्शी बनाने व इसकी कालाबाजारी खत्म करने का वायदा करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस पार्टी के लिए राणा गुरजीत सिंह पर विपक्ष द्वारा लगाए आरोप गंभीर रूप धारण करते दिखाई देते हैं।
हालांकि राणा गुरजीत सिंह इससे साफ इंकार कर चुके हैं परंतु विपक्ष अपने आरोपों पर अडिग है। सरकार के खिलाफ जनता में बन रहे इस माहौल में होना तो यह चाहिए कि सभी विधायक व नेता एकजुट होकर विपक्ष का सामना करें परंतु अंदरखाते इसके विपरीत हो रहा है। मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने व सी.पी.एस. पद की लालसा में कई कांग्रेसी विधायक गुपचुप ढंग से इस गंभीर मुद्दे को पूरी तरह से हवा देने में जुट गए हैं, जिस कारण मुख्यमंत्री के लिए परिस्थितियां गंभीर रूप धारण करती जा रही हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से वंचित रह गए कई वरिष्ठ विधायक पूरे मामले को जबरदस्त ढंग से हाईकमान समक्ष रखने में जुट गए हैं। अपने लिए झंडी वाली कार लेने के लिए दिल्ली व पटियाला के मोती महल में लॉबिंग करने वाले ये नेता विपक्ष द्वारा लगाए आरोपों की सत्यता को लेकर वरिष्ठ लीडरशिप व मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने की रणनीति में जुट गए हैं। सरकार बनने के चंद माह बाद अपने वरिष्ठ मंत्री पर लगे गंभीर आरोपों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह कैसे धो पाते हैं, इस तरफ न सिर्फ विपक्ष की नजरें हैं बल्कि पार्टी के भीतर सक्रिय एक प्रभावशाली धड़ा भी टकटकी लगाए हुए है।
लटक सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार
मौजूदा समय में पैदा हुई परिस्थितियां मंत्रिमंडल में होने वाले विस्तार को लटकाने का भी कारण बन सकती हैं। नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि वरिष्ठ मंत्री पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। यह मामला मंत्रिमंडल में विस्तार की राह में रोड़ा भी बन सकता है।
मंत्री पद की रेस में लुधियाना अव्वल
मुख्यमंत्री द्वारा अपनी कैबिनेट में विस्तार करने संबंधी आ रही खबरों ने लुधियाना से संबंधित विधायकों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो झंडी वाली कार के लिए लुधियाना से संबंधित विधायकों की गिनती सबसे ज्यादा है। पिछली सरकार में एक कैबिनेट मंत्री व सी.पी.एस. का पद पाने वाले लुधियाना के हाथ अभी तक बिल्कुल खाली हैं। इस दौड़ में लगे पंजाब भर के विधायकों में लुधियाना के विधायकों की गिनती सबसे अव्वल है।