Edited By Updated: 28 Feb, 2017 10:02 AM
मटर, गोभी, गाजर आदि सब्जियों के कम भाव से मंदी का शिकार हुए किसानों को अब आलू की बम्पर फसल के बावजूद धराशायी हुई कीमतों ने रुलाकर रख दिया है जिस कारण उनमें हाहाकार मची हुई है और वे निराशा के आलम में । आलू की बाजारी कीमत इस बार बहुत कम है व इस
सुल्तानपुर लोधी (धीर): मटर, गोभी, गाजर आदि सब्जियों के कम भाव से मंदी का शिकार हुए किसानों को अब आलू की बम्पर फसल के बावजूद धराशायी हुई कीमतों ने रुलाकर रख दिया है जिस कारण उनमें हाहाकार मची हुई है और वे निराशा के आलम में । आलू की बाजारी कीमत इस बार बहुत कम है व इस फसल का समर्थन मूल्य भी तय नहीं है। मंडीकरण की समस्या भी बड़ा मुद्दा है व रही सही कसर नोटबंदी ने पूरी की हुई है जिस कारण अन्य प्रदेशों से व्यापारी आलू की खरीद के लिए पंजाब नहीं आ रहे हैं। अन्य सब्जियों व आलू के भाव में भारी मंदी से उत्पादकों को पड़े घाटे के चलते सरकार द्वारा बार-बार प्रचारित की जा रही वैकल्पिक खेती के भविष्य पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है।
मक्की बीजने व मजदूरी देने के लिए नहीं मिल रहा पैसा
आलू की खुदाई कर रहे किसान खेतों में आलू के ढेर लगाकर बैठे व्यापारी का रास्ता देख रहे हैं लेकिन अभी तक व्यापारी कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। उधर, बढ़ रही गर्मी के कारण किसान पराली से अपने खेतों में पड़े आलू के ढेरों को धूप से बचाने के लिए ढक रहा है व आलू के खाली हुए खेतों में दोगुने रेट में मक्की का बीज खरीद बिजाई करने में व्यस्त है। आलू की बिक्री न होने से किसानों को कहीं से भी पैसा मिलने की उम्मीद नहीं व उधर आलू एकत्रित करने वाली लेबर भी रोज अपनी मजदूरी मांग कर किसानों को और चिंता में डाल रही है। दोआबा क्षेत्र की आलू बैल्ट में आलू खरीदने के लिए न तो कोई व्यापारी एवं न ही कोई केंद्र या प्रदेश सरकार का नुमाइंदा आया है।
दोआबा के नामवर आलू उत्पादक किसान राजिन्द्र सिंह नसीरेवाल चेयरमैन लैंड मोर्टगेज बैंक, रणजीत सिंह थिंद बूलपुर कृषि विशेषज्ञ व नरिन्द्र सिंह जैनपुरी आढ़ती नेता ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को गेहूं-धान के चक्कर में से निकलकर कृषि विभिन्नता अपनाने के लिए गत कई वर्षों से जोर डाला जा रहा है लेकिन जब अब किसान गेहूं-धान के अतिरिक्त अन्य सब्जियों व आलू की काश्त कर रहे हैं तो उनकी कोई भी सरकार या राजनीतिक पार्टी बात नहीं सुन रही।
गांव ठट्टा, टिब्बा, नसीरेवाल, जैनपुर, हैबतपुर, कालेवाल, मसीतां, शालापुर बेट, सूजोकालिया आदि गांवों में आलू की बम्पर फसल हुई है। किसान नेता जोगा सिंह कालेवाल, सतविन्द्र सिंह सत्ता साबूवाल, साधू सिंह बूलपुर रिटा. ब्लाक शिक्षा अधिकारी, सुखपालबीर सिंह सोनू झंडूवाल, परमजीत सिंह पूर्व सरपंच हैबतपुर, गुरजीत सिंह जांगला आदि ने सरकार से मांग की है कि किसानों की फसल के मंडीकरण के उचित प्रबंध किए जाएं नहीं तो किसान बड़ा आंदोलन छेडऩे को मजबूर होंगे।
गलत मंडीकरण नीति के कारण अन्नदाता आत्महत्या को मजबूर
खेतों में सख्त मेहनत करते काश्तकारों की जत्थेबंदी पोटैटो ग्रोअर्ज एसो. कपूरथला के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए एसो. के जिला उपाध्यक्ष रेशम सिंह चंदी ने कहा कि समय की सरकारों की फसल के मंडीकरण संबंधी गलत नीति के कारण पंजाब का अन्नदाता आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। स्टोर मालिकों द्वारा आलू स्टोर करने के लिए बढ़ाए रेटों ने किसानों को परेशान किया हुआ है। मक्की, खरबूजा व सूरजमुखी आदि फसलें, जो आलू की खुदाई के उपरांत खेतों में बीजी जानी हैं, का बीज मार्कीट में ब्लैक में मिल रहा है, जो काश्तकार को और आर्थिक मंदहाली की तरफ धकेलेगा।
बैठक में शामिल एसो. के पदाधिकारी तरलोचन सिंह झंड, मेजर सिंह, बलविन्द्र सिंह शिंदा, प्रीतम सिंह खिंडा, इच्छा सिंह ढोट, निर्मल सिंह, रेशम सिंह कूका, इंद्रवीरजीत नत्थूचाहल, जसबीर सिंह, सुरजीत सिंह आदि ने कहा कि आलू का वाजिब मूल्य न मिलना, खरबूजा, तरबूज, मक्की व सूरजमुखी का बीज ब्लैक में मिलना, कोल्ड स्टोर मालिकों द्वारा रेट बढ़ाना किसानों की कमर तोडऩे से कम नहीं है जिसकी तरफ समय की सरकार को जरूर ध्यान देना पड़ेगा अन्यथा एसो. संघर्ष करने के लिए मजबूर होगी।