किन्नर में जागी मां की ममता बनी मिसाल, किसी द्वारा गोद दी बच्ची का करवाया ऑप्रेशन

Edited By Updated: 25 Mar, 2017 04:31 AM

pregnancy of mother in place of sheer sex  adopted child adoption of someone

लोको न ए कहर गुजारो धीआं कुंख विच्च न मारो, सदा-सदा मापिया दे सिर दी खैर....

अमृतसर(वड़ैच): लोको न ए कहर गुजारो धीआं कुंख विच्च न मारो, सदा-सदा मापिया दे सिर दी खैर मनाऊंदियां ने, पुत वंडाऊन जमीनां धीआं दुख वंडाऊंदियां ने............ गीत के जरिए लोगों को बेटियों के प्रति मान-सत्कार करके भ्रूण हत्या न करने का संदेश दिया गया है परंतु लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या लड़कों से कम होना चिंता का विषय है। 

बेटियों को प्यार कर पुत्रों की तरह संभालने की मिसाल एक किन्नर सोनिया ने समाज के सामने पेश की है। उसने एक बच्ची का ऑप्रेशन करवाने के उपरांत उसे गोद लेते हुए उसका खुद पालन-पोषण करने का ऐलान कर दुनिया को एक संदेश दिया है। किसी द्वारा किन्नर समझ कर सोनिया को दी गई बच्ची का सफल ऑप्रेशन करने का सेहरा बच्चों की बीमारियों के माहिर सर्जन डा. एच.पी.एस. मिगलानी को जाता है। 

डा. मिगलानी ने बताया कि गरीब की बच्ची का मल करने वाला रास्ता लगभग बंद था। बच्ची को जन्म देने वाला जोड़ा बच्ची को किन्नर समझ कर गुरदासपुर निवासी किन्नर सोनिया को दे गया परंतु सोनिया की मेहनत, बच्ची प्रति ममता, उत्साह के चलते डेरे आई बच्ची के 3 ऑप्रेशन करके उसे संपूर्ण बेटी का रूप दिया गया। सोनिया ने ऐसा काम करके पूरी दुनिया को बेटियों प्रति प्यार-मोहब्बत करने का संदेश दिया है। डा. मिगलानी ने बताया कि यह किन्नर नहीं बल्कि लड़की है जो कि एनोरेल्टल मालफामेशन बीमारी का शिकार थी। इस बीमारी में मल त्यागने का रास्ता नहीं बना होता है। 

2500 बच्चों में से एक बच्चा इस रोग के साथ पीड़ित होता है जिसका इलाज सर्जरी के साथ संभव है। उन्होंने बताया कि 3 ऑप्रेशनों के बाद अंदरूनी अंगों की बनावट बिल्कुल ठीक कर दी जाएगी। डा. मिगलानी ने पुण्य का काम देखते कुल राशि से आधी राशि लेकर संसार को लड़कियों प्रति प्यार का संदेश दिया। किन्नर सोनिया ने बताया कि बच्ची के इलाज के लिए राजनीतिक नेता सहित अन्य साथियों ने सहयोग दिया जिसके लिए वह धन्यवादी है। उनकी मंडली ने बच्ची का नाम अनमोल रखा है। वह बेटी को मां का प्यार देते हुए पालन-पोषण करेगी। 

उच्च शिक्षा देकर अफसर बनाना उसका उद्देश्य है। उसने बताया कि बच्ची के जन्म से 13 दिन बाद परिवार वाले उसे उसके पास छोड़ गए थे जिस दौरान लिखित कार्रवाई भी की गई। 8 दिन बाद देखा गया कि बच्ची पेशाब के साथ ही मल त्याग रही है जिस कारण डाक्टर साहिब ने बेटी को नया रूप दिया है।

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