Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 11:00 AM
स्थानीय कपूरथला रोड में पिछले 10 दिनों से रोजाना लग रहे 10-10 घंटे के बिजली कटों से 100 से अधिक उद्योगों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है।
जालंधर (धवन): स्थानीय कपूरथला रोड में पिछले 10 दिनों से रोजाना लग रहे 10-10 घंटे के बिजली कटों से 100 से अधिक उद्योगों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। पिछले कई दिनों से इन उद्योगों में कामकाज पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है। कपूरथला रोड स्थित औद्योगिक इकाइयों ने बताया कि इस क्षेत्र में बिजली खम्भों की शिफ्टिंग के कारण उपरोक्त स्थिति पैदा हुई है परन्तु औद्योगिक इकाइयों के सामने संकट यह है कि पहले ही नोटबंदी व जी.एस.टी. के कारण कारोबार में भारी गिरावट आई हुई है।
अब दिन के समय बिजली कटौती के कारण औद्योगिक उत्पादन नहीं हो पा रहा है जिस कारण ग्राहकों को निर्मित माल पहुंचाने में उद्यमियों को भारी मुश्किलों से रू-ब-रू होना पड़ रहा है। उद्यमियों ने बताया कि चाहे शाम के समय बिजली सप्लाई बहाल कर दी जाती है परन्तु मुश्किल यह है कि शाम के समय औद्योगिक इकाइयों में काम करने के लिए लेबर तैयार नहीं होती है। रोजाना फैक्टरियों में सुबह लेबर आती है परन्तु बिजली न होने के कारण उन्हें वेतन का भुगतान भी औद्योगिक इकाइयों को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिन के समय बिजली बहाली की तरफ पावर कार्पोरेशन को ध्यान देना चाहिए। उद्यमियों ने कहा कि लेबर भी दिन के समय ही काम करने के लिए तैयार है। शाम को अगर उन्हें ओवरटाइम दे भी दिया जाए तो भी लेबर काम करने के लिए तैयार नहीं हो रही है। पहले ही अन्य राज्यों में रोजगार के अवसर बढऩे के कारण लेबर पंजाब में आ नहीं रही है, जो लेबर उपलब्ध है उसका प्रयोग बिजली संकट के कारण हो नहीं पा रहा है।
कपूरथला रोड में लगभग 100 से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थित हैं। इनमें से अनेक औद्योगिक इकाइयों से निर्मित माल विदेशों को निर्यात किया जाता है। उद्यमियों ने कहा कि पावर कार्पोरेशन को चाहिए कि वह बिजली के खम्भों की शिङ्क्षफ्टग का कार्य शाम या रात के समय करवाए, इससे उद्योगों पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी ग्राहक माल की सप्लाई भेजने के लिए लगातार दबाव डाल रहे हैं परन्तु माल तैयार न होने के कारण उन्हें भेजने में कठिनाइयां आ रही हैं। उद्यमियों ने कहा कि पावरकॉम के अधिकारियों को इस संबंध में उनके साथ बैठक करके कोई सर्वमान्य हल निकालना चाहिए ताकि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट न आ सके। इससे उद्योगों को भी मंदी के दौर में राहत मिल जाएगी। पहले ही उद्योग इस समय भारी आॢथक संकटों के दौर से गुजर रहे हैं। उद्योगों द्वारा अपने खर्चों में कटौती की गई है ताकि मंदी तथा देश के मौजूदा आर्थिक हालात के कारण उन्हें किसी अन्य परेशानी में फंसना न पड़े।