Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 11:19 PM
सरकारी विभाग बिजली का बिल अदा के प्रति गंभीर नहीं हैं जिससे पावर निगम को वित्तीय घाटा उठाना पड़ ...
जालंंधर(पुनीत): सरकारी विभाग बिजली का बिल अदा के प्रति गंभीर नहीं हैं जिससे पावर निगम को वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है। सरकारी विभागों के पिछली तिमाही के आंकड़े चौंका देने वाले हैं जिसके मुताबिक पावर निगम ने पंजाब के सरकारी विभागों से 848 करोड़ रुपए का बकाया लेना है जिसे देने के प्रति विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहे।
इस रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने सबसे कम बकाया राशि सैंट्रल जोन लुधियाना से वसूलनी है जबकि सबसे अधिक राशि बार्डर जोन की है जिससे विभाग ने 253 करोड़ रुपए वसूलने हैं। सरकारी विभागों द्वारा समय पर बिल अदा न करने से विभाग को वित्तीय नुक्सान उठाना पड़ रहा है। अप्रैल से लेकर जून तक की बनी तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक बार्डर जोन से जो 253.41 करोड़ रुपए वसूल किए जाने हैं, उसमें अकेले गुरदासपुर के 179.40 करोड़ रुपए बकाया हैं जबकि तरनतारन के 25.06 करोड़ रुपए बकाया हैं। साऊथ जोन के 239.48 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग 124.52 करोड़ का कर्जदार है जबकि पंचायती राज 7.10 करोड़ रुपए का देनदार है। वैस्ट जोन 205.60 करोड़ का कर्जदार है जिसमें भटिंडा के 85.46 करोड़, फरीदकोट के 15.62 करोड़, फिरोजपुर के 25.02 करोड़ व मुक्तसर के 79.50 करोड़ रुपए बकाया हैं।
इसी तरह से सैंट्रल जोन लुधियाना के 39.49 करोड़ रुपए बकाया हैं जिसमें खन्ना सर्कल के 14.23 करोड़ जबकि सब-अर्बन सर्कल के 14.36 करोड़ रुपए वसूल किए जाने हैं। वहीं नॉर्थ जोन जालंधर की 110.84 की देनदारी है जिसमें कपूरथला के 14.77 करोड़ जबकि नवांशहर के 27.79 करोड़ व होशियारपुर के 58.16 करोड़ रुपए बकाया हैं। पावर निगम के अधिकारियों ने सभी 5 जोनों के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि बकाया राशि वसूल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि विभाग को वित्तीय घाटा न उठाना पड़े। इस बकाया राशि की वसूली के लिए अधिकारियों ने अपने स्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया है जिसके चलते आने वाले समय में बिल जमा न करवाने पर विभागों के बिजली कनैक्शन काटे जा सकते हैं।