Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 08:57 AM
बेशक बात महंगी लग्जरी कारों की हो या फिर ब्रांडेड कपड़ों ज्ववैलरी, कॉस्मैटिक, एग्जाइटिक लाइफ स्टाइल का जिक्र किया जाए तो पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना के निवासियों का शौकीन मजाज ही औद्योगिक शहर को पंजाब में अव्वल दर्जा दिलाता है। लुधियानवियों ने...
लुधियाना(बहल): बेशक बात महंगी लग्जरी कारों की हो या फिर ब्रांडेड कपड़ों ज्ववैलरी, कॉस्मैटिक, एग्जाइटिक लाइफ स्टाइल का जिक्र किया जाए तो पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना के निवासियों का शौकीन मजाज ही औद्योगिक शहर को पंजाब में अव्वल दर्जा दिलाता है। लुधियानवियों ने दीवाली की रात को भी करीब 10 से 12 करोड़ रुपए के पटाखे बजाकर जहां इस दर्जे को बरकरार रखा है, वहीं पॉल्यूशन के मामले में भी लुधियाना को दीवाली की रात एयर क्वालिटी इंडैक्स में पंजाब के मोस्ट पॉल्यूटिड सिटी में शुमार होने से नंबर-1 का दर्जा हासिल हुआ है। चाहे वर्ष 2016 के मुकाबले इस बार लुधियाना में दीवाली पर्व पर प्रदूषण स्तर में 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।
गत वर्ष के मुकाबले प्रदूषण स्तर में 26 प्रतिशत की गिरावट
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में दीवाली के पूर्व दिवस के मुकाबले दीवाली के दिन प्रदूषण स्तर में 70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी लेकिन इस वर्ष पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पटाखों पर पाबंदी का असर स्पष्ट तौर पर प्रदूषण स्तर में पिछले साल के मुकाबले गिरावट के रूप में दिखा। वर्ष 2016 में दीवाली के पूर्व दिवस पर 130 एयर क्वालिटी इंडैक्स बढ़कर 228 पहुंच गया था, जबकि इस साल 265 (ए.क्यू.आई.) दीवाली के दिन 328 स्तर पर 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। पी.पी.सी.बी. के प्रवक्ता द्वारा जारी शहरों के आंकड़ों के मुताबिक इस साल लोहा मंडी गोङ्क्षबदगढ़ में पिछली दीवाली के मुकाबले प्रदूषण लैवल में काफी गिरावट आई है। वर्ष 2016 में दीवाली पर 163 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले इस साल मात्र 17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। पिछले वर्ष दीवाली पर लुधियाना में 50 प्रतिशत वायु प्रदूषण स्तर बढ़ा था, जबकि इस वर्ष 24 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। अमृतसर में पिछले वर्ष 63 प्रतिशत के मुकाबले इस साल 45 प्रतिशत प्रदूषण स्तर बढ़ा है। आज दीवाली की अगली सुबह विश्वकर्मा दिवस को सुबह 8 बजे लुधियाना में एयर क्वालिटी इंडैक्स 416 रिकॉर्ड हुआ, जबकि अमृतसर में यह सुबह 8 बजे 333 स्तर पर दर्ज हुआ।
धान की कटाई से फिजा में आर.एस.पी.एम. स्तर बढ़ा
पी.पी.सी.बी. के प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब में धान की फसलों की समय से पूर्व कटाई और कम वायु दबाव के कारण इस वर्ष रैस्पीलेबल सस्पैंडिड पार्टीकुलेट मैटर (आर.एस.पी.एम.) पिछले वर्ष के मुकाबले वायुमंडल में बढ़ गए हैं। इसके अलावा दीवाली के दिन पिछले वर्ष 2016 में एक दिन में 400 के मुकाबले इस वर्ष दीवाली पर धान के 1188 खेत जलने की दुर्घटनाएं दर्ज हुई हैं, जोकि पिछले वर्ष के मुकाबले 3 गुना ज्यादा है।
देर रात 2 बजे तक चले पटाखे
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक दीवाली की शाम 6.30 बजे से रात 9.30 बजे तक पटाखे बजाने का समय निर्धारित किया गया था लेकिन लोगों के इस सांझे त्यौहार दीवाली पर लोगों ने अति-उत्साह में अदालत के आदेशों को नजरअंदाज कर देर रात 2 बजे तक पटाखे बजाए। लुधियाना के सभी पॉश इलाकों मॉडल टाऊन, सराभा नगर, सिविल लाइंस, गुरदेव नगर, मॉडल टाऊन एक्सटैंशन, अर्बन एस्टेट दुगरी, बसंत एवेन्यू, न्यू मॉडल टाऊन, घुमार मंडली, मॉल रोड, कालेज रोड और शहर के पुराने इलाकों में जमकर देर रात तक आतिशबाजी और पटाखे फोड़े गए।