स्कूल व कालेजों के कर्मचारियों की पुलिस वैरीफिकेशन करवाना जरूरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 09:32 AM

police verification of staff of schools and colleges is necessary

रेयान स्कूल के प्रदयूमन हत्याकांड के बाद पंजाब केसरी की तरफ से स्कूल वैन्स में महिला अटैंडेंटस का न होना व कर्मचारियों की पुलिस वैरीफिकेशनस न किए जाने का मामला प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।

अमृतसर (नीरज): रेयान स्कूल के प्रदयूमन हत्याकांड के बाद पंजाब केसरी की तरफ से स्कूल वैन्स में महिला अटैंडेंटस का न होना व कर्मचारियों की पुलिस वैरीफिकेशनस न किए जाने का मामला प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। 

जिला मैजिस्ट्रेट व डिप्टी कमिशनर कमलदीप सिंह संघा ने आदेश जारी करते हुए सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में तैनात कर्मचारियों की पुलिस वैरीफिकेशन करने के आदेश जारी कर दिए हैं और कहा कि बिना पुलिस वैरीफिकेशन्स किसी भी कर्मचारी की तैनाती न की जाए जिला प्रशासन पुलिस वैरीफिकेशन रिपोर्ट की किसी भी समय चैकिंग कर सकता है। इसके अलावा सभी स्कूल वैन्स में जिसमें एक भी लड़की सवार होती है उसमें महिला अटैंडैंट्स का होना भी जरुरी कर दिया गया है। महिला अटैंडैंट स्कूल वैन्स में बैठने वाली लड़की के बैठने से पहले वैन्स में बैठी होनी चाहिए।

डी.सी. ने सेफ स्कूल वैन्स अभियान के तहत सेफ स्कूल वैन्स कमेटियों को स्कूल बसों की चैकिंग करने के भी आदेश जारी कर दिए हैं। इन कमेटियों में आर.टी.ए., एस.डी.एम., बाल सुरक्षा विभाग, तहसीलदार व ट्रैफिक पुलिस को शामिल किया गया है।

इन कमेटियों को हर महीने संयुक्त बैठक करने के लिए व सेफ स्कूल वैन अभियान की समीक्षा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए डी.सी. ने कहा कि सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों को इन आदेशों का पालन करना जरुरी है। माननीय हाईकोर्ट, चाइल्ड सेफ्टी कमेटी व सी.बी.एस.ई. की तरफ से भी यही आदेश हैं। 

स्कूलों में किसी भी तरह का स्टॉफ जिसमें अध्यापक, अटैंडैंट, सेवादार, ड्राइवर क्लीनर रखने से पहले उसकी पुलिस वैरीफिकेशन करवानी होगी। बच्चों के बाथरुम में किसी भी स्टॉफ मैंबर की पहुंच नहीं होनी चाहिए यदि कोई भी छात्र स्कूल, कॉलेज या घर में किसी प्रकार के शारीरिक शोषण की शिकायत करता है तो स्कूल मुखी तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचना देंगे इसके अलावा छात्रों को पोस्को-ई-बॉक्स (ऑनलाइन शिकायत पोर्टल) प्रति जागरुक किया जाए। सभी स्कूलों व कॉलेजों में चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर 1098 अपने प्रतिष्ठानों में बड़े अक्षरों में डिस्पले करना जरुरी है।

क्या है सेफ स्कूल वैन अभियान
सेफ स्कूल वैन अभियान तहत  स्कूलों को तीन कैटेगरी में देना होता है वैन्स का ब्यौरा स्कूलों को तीन कैटेगरी में अपना अपना ब्यौरा देना है जो चाइल्ड प्रौटैक्शन डिपार्टमैंट की तरफ से आया है। पहली कैटेगरी में लिखना होगा कि संबंधित स्कूल वैन का मालिक स्कूल है और संबंधित वैन स्कूल की तरफ से खरीदी गई है।

दूसरी कैटेगरी में लिखकर देना होगा कि स्कूल ने कंट्रैक्ट पर स्कूल वैन रखी हुई हैं यह दूसरा प्रिफोर्मा इसलिए बनाया गया है, क्योंकि आमतौर पर जब परिवहन विभाग किसी स्कूल वैन को पकड़ता है तो स्कूल प्रबंधक यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि यह वैन उनकी नहीं है, लेकिन एक बार दूसरी कैटेगरी में लिखकर देने के बाद स्कूल प्रबंधक अपना पल्ला नहीं झाड़ पाएंगे। इस ब्यौरे में तीसरी कैटेगरी में यह लिखकर देना होगा कि बच्चों के अभिभावकों ने अपनी जिम्मेवारी पर स्कूल वैन लगा रखी है इस कैटेगरी में सारी जिम्मेवारी बच्चों के अभिभावकों पर आ जाएगी।

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