पुलिस के वाहन नहीं उतर रहे कानूनी मापदंडों पर खरे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 11:28 AM

police vehicles are not coming to the legal parameters

जिला बरनाला पुलिस के पास कुल 86 वाहन हैं, जिसमें 32 मोटरसाइकिल और 54 चौपहिया वाहन तथा अन्य वाहन हैं। पुलिस अपराधियों तक पहुंचने के लिए इन वाहनों को प्रयोग करती है। इन वाहनों को चलाने के लिए इसमें डीजल व पैट्रोल जिले के विभिन्न पैट्रोल पंपों से...

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): जिला बरनाला पुलिस के पास कुल 86 वाहन हैं, जिसमें 32 मोटरसाइकिल और 54 चौपहिया वाहन तथा अन्य वाहन हैं। पुलिस अपराधियों तक पहुंचने के लिए इन वाहनों को प्रयोग करती है। इन वाहनों को चलाने के लिए इसमें डीजल व पैट्रोल जिले के विभिन्न पैट्रोल पंपों से डलवाया जाता है। पुलिस द्वारा इन पैट्रोल पंपों से तेल तो डलवा लिया जाता है परंतु इनकी पेमैंट का भुगतान करने में देरी की जाती है।

बेशक पहले से हालात सुधर गए हैं अब पुलिस ने पिछले 4-5 माह से पैट्रोल पंपों के मालिकों को थोड़ी जल्दी पेमैंट करनी शुरू कर दी है परंतु फिर भी पैट्रोल पंप मालिकों के लाखों रुपए पुलिस विभाग की तरफ बकाया हैं। इतना ही नहीं जिन वाहनों का पुलिस प्रयोग करती है, वे कानून के मापदंड पर खरे नहीं उतरते। जबकि पुलिस आम जनता को अपने वाहनों को कानून के अनुसार रखने का पाठ पढ़ाती है। 

पुलिस विभाग की ओर से अब समय पर दी जाती है पेमैंट : एस.एस.पी.
जब इस संबंध में एस.एस.पी. हरजीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से अब समय पर पैट्रोल पंप मालिकों को पेमैंट की जाती है। यदि किसी पैट्रोल पंप मालिक की पेमैंट पुलिस विभाग के पास बकाया खड़ी है तो वह मुझे मिलकर अपनी पेमैंट करवा सकता है। रही बात कंडम वाहनों की, कंडम वाहनों को बेचने की स्वीकृति लेने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा हुआ है। उनकी मंजूरी के बाद कंडम वाहनों को बेच दिया जाएगा। जिन पुलिस की गाडिय़ों का बीमा नहीं हुआ उनको चैक करवा कर उनका बीमा करवाया जाएगा।  

पेेमैंट न होने के कारण एक पैट्रोल पंप मालिक ने पुलिस की गाडिय़ों में तेल डालना किया बंद
बरनाला के एक प्रसिद्ध पैट्रोल पंप के मालिक ने पुलिस द्वारा अपने वाहनों में डलवाए गए तेल की पेमैंट देरी से करने के कारण पुलिस की गाडिय़ों में तेल ही डालना बंद कर दिया। ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए उक्त पैट्रोल पंप के मालिक ने अपना नाम न छापने की सूरत में कहा कि धीरे-धीरे उसने अपनी पेमैंट पुलिस विभाग से निकलवानी शुरू कर दी परंतु अब भी उसका पुलिस विभाग की ओर 35,000 रुपए बकाया खड़ा है। जबकि उसने पुलिस की गाडिय़ों में तेल डालना बंद कर दिया है। 

8 लाख रुपए प्रति माह के लगभग डलता है पुलिस की गाडिय़ों में तेल
पुलिस विभाग की 86 गाडिय़ों में लगभग प्रति माह साढ़े 7 लाख से लेकर 8 लाख रुपए का तेल डलता है। एस.एच.ओ. से लेकर एस.पी. तक रैंक के अफसरों की गाडिय़ों में 261 लीटर प्रति गाड़ी महीने का तेल दिया जाता है। जबकि एस.एस.पी. की गाड़ी को 440 लीटर प्रति माह का तेल दिया जाता है। इस प्रकार पी.सी.आर. मोटरसाइकिल के पुलिस कर्मचारियों को 12 घंटे का डेढ़ लीटर तेल, जबकि 24 घंटे का 3 लीटर तेल दिया जाता है। 

डेढ़ लीटर तेल पूरा तो पड़ता नहीं इसीलिए रास्ते में खड़ा कर देते हैं मोटरसाइकिल 
‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए पी.सी.आर. पुलिस कर्मचारी ने बताया कि हमें 12 घंटे का डेढ़ लीटर तेल दिया जाता है। हमें पूरे 12 घंटे शहर की गलियों व बाजारों में अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मोटरसाइकिल दौड़ाना होता है। एक घंटे में 30-35 किलोमीटर मोटरसाइकिल चल जाता है। डेढ़ लीटर तेल तो 2 घंटे में ही खत्म हो जाता है। अपनी जेब से पैट्रोल कैसे डलवाएं, इसलिए हम मोटरसाइकिल को रास्ते खड़ा कर देते हैं। यदि पुलिस विभाग ने हमसे सही ड्यूटी लेनी है तो तेल की मात्रा बढ़ानी होगी।  

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