Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 10:20 AM
5 दिन पहले नाभा में आढ़ती को गोली मारकर हत्या करने के मामले में पटियाला पुलिस ने सुखविंद्र सिंह पुत्र गुलजार सिंह वासी गांव घनुड़की को गिरफ्तार किया है, जिससे वारदात में प्रयोग किया गया मोटरसाइकिल, 32 बोर लाइसैंसी रिवाल्वर तथा 5 कारतूस बरामद किए गए...
पटियाला/नाभा (बलजिन्द्र/जैन/गोयल): 5 दिन पहले नाभा में आढ़ती को गोली मारकर हत्या करने के मामले में पटियाला पुलिस ने सुखविंद्र सिंह पुत्र गुलजार सिंह वासी गांव घनुड़की को गिरफ्तार किया है, जिससे वारदात में प्रयोग किया गया मोटरसाइकिल, 32 बोर लाइसैंसी रिवाल्वर तथा 5 कारतूस बरामद किए गए हैं। जबकि वारदात को अंजाम देने वाला बिट्टू सिंह पुत्र पूर्ण सिंह वासी गांव घनुड़की अभी भी फरार है।
डी.आई.जी. सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि 5 दिन पहले नाभा के आढ़ती मोनिक जिंदल की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी की तलाश के लिए एस.एस.पी. पटियाला ने एस.पी.डी. हरविंद्र सिंह विर्क, डी.एस.पी. (डी.) सुखविंद्र सिंह चौहान और नाभा पुलिस की टीम का गठन किया था। उन्होंने 5 दिन की जांच के बाद सुखविंद्र सिंह पुत्र गुलजार सिंह जोकि मोनिक जिंदल का जमींदार यानी ग्राहक था और उसके पास फसल रखता था, को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में सुखविंद्र सिंह ने बताया कि उसका मोनिक जिंदल और उसके छोटे भाई अमित जिंदल उर्फ सोनू जिंदल के साथ 38 लाख रुपए का लेन-देन चल रहा था। इसको लेकर कई बार तकरार भी हुई और सुखविंद्र सिंह वास्तव में सोनू जिंदल की हत्या करना चाहता था, इसलिए उसने अपने ही गांव के बिट्टू सिंह को सोनू जिंदल का कत्ल करने के लिए 3 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
25 अक्तूबर को सुखविंद्र बिट्टू को सामने पेड़ के नीचे बिठाकर सोनू जिंदल की पहचान करवाने के लिए ले आया परंतु उस दिन दुकान पर सोनू जिंदल, मोनिक जिंदल और उनके पिता सतपाल जिंदल भी थे, जिस कारण बिट्टू सोनू जिंदल को सही तरीके से पहचान नहीं सका। अगले दिन वह लगभग सायं 7 बजे गांव से चले और 7.30 बजे दुकान के पास पहुंचे। जिस समय अक्सर सोनू जिंदल दुकान पर बैठता था, उस समय ही सुखविंद्र बिट्टू को साथ लेकर आया परंतु संयोग से उस समय सोनू की जगह मोनिक जिंदल दुकान पर बैठा था।
सुखविंद्र मोटरसाइकिल के पास रुक गया और बिट्टू सीधा दुकान के अंदर गया और मोनिक के सिर पर रिवाल्वर रखी, जैसे ही मोनिक ने सिर उठाया बिट्टू ने उसे गोली मार दी। डी.आई.जी. गिल ने बताया कि वारदात वाले दिन सुखविंद्र ने 3 घंटे पहले फोन बंद कर लिया था ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके, दूसरा आखिरी कॉल भी मोनिक के फोन पर सुखविंद्र सिंह की ही थी। उन्होंने बताया कि दोनों के खिलाफ नाभा में कत्ल और आर्म्ज एक्ट के अंतर्गत अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।