Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 06:12 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह प्रदेश से हर तरह के अपराध का खात्मा करने के लिए तत्पर हैं। इसी के चलते उन्होंने कई तरह की विशेष ...
लुधियाना(स्याल): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह प्रदेश से हर तरह के अपराध का खात्मा करने के लिए तत्पर हैं। इसी के चलते उन्होंने कई तरह की विशेष टीमें भी गठित कर रखी हैं, जो गैंगस्टर किस्म के अपराधियों पर नकेल कसने और नशा तस्करी रोकने के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं। इतना ही नहीं उनके आदेशानुसार अब पंजाब की जेलों में भी समय-समय पर व्यापक स्तर पर सर्च अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत सोमवार सुबह 6 बजे डी.सी.पी. अश्विनी कपूर लुधियाना के नेतृत्व में अधिकारियों सहित 475 पुलिसकर्मियों की टीम ताजपुर रोड स्थित सैंट्रल जेल का सर्च करने पहुंची।
ये अधिकारी रहे शामिल:
सर्च टीम में डी.सी.पी. अश्विनी कपूर के अलावा ए.डी.सी.पी.-4 राजवीर सिंह बोपाराय, एस.डी.एम. इकबाल सिंह सिद्धू, 8 ए.सी.पी., 22 एस.एच.ओज, तहसीलदार व अन्य सिविल अधिकारी शामिल थे।
7 से 9 बजे तक हुई सर्च:
सर्च टीम ने सुबह 7 से 9 बजे घंटे तक जेल का चप्पा-चप्पा छाना। टीम को 1 मोबाइल, तम्बाकू की 4 पुडिय़ां, बीडिय़ां व कुछ मात्रा में अफीम तथा एक कैदी के पास से 16,900 रुपए की नकद राशि बरामद हुई। टीम ने बैरकों में बने बाथरूमों तक बारीकी से छानबीन की। साथ ही सभी कैदियों व हवालातियों के सामान तथा बिस्तरे आदि को चैक किया गया। इसी दौरान टीम ने हाई सिक्योरिटी जोन का भी निरीक्षण किया।
1 घंटा बत्ती रही गुल, सर्च हुई लेट:
सर्च टीम सुबह 6 बजे ताजपुर रोड स्थित सैंट्रल जेल में पहुंच गई परंतु जेल में लाइट न होने की वजह से इसे बैरकों की सर्च हेतु करीब 1 घंटा इंतजार करना पड़ा। इसके बाद टीम ने 7 से लेकर 9 बजे तक सर्च अभियान चलाया। जेल प्रशासन के अनुसार आज बारिश के साथ तेज हवा होने के चलते लाइट चली गई थी।
जेल प्रशासन को नहीं थी कोई खबर :
आज के सर्च अभियान संबंधी जेल प्रशासन को किसी तरह की कोई सूचना नहीं थी। जैसे ही सुबह 6 बजे पुलिस गाडिय़ों का एक बड़ा काफिला जेल के मुख्य द्वार पर आकर रुका तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मी स्तब्ध रह गए। उन्होंने तुरंत जेल अधिकारियों को सूचित किया। इस पर डिप्टी सुपरिंटैंडैंट मनजीत सिंह टिवाणा तुरंत जेल पहुंचे, जिसके बाद सर्च टीम अंदर गई और सर्च अभियान शुरू कर दिया। सर्च टीम में डॉग स्क्वायड टीम भी शामिल थी।
कैदी-हवालाती हो गए सतर्क:
1 घंटे तक जेल में लाइट न होने के चलते सर्च टीम अपनी कार्रवाई शुरू नहीं कर पाई। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बैरकों में बंद कैदी व हवालातियों तक पहुंची सूचना के बाद वे सतर्क हो गए होंगे। वहीं जेल में तैनात स्टाफ को भी इसका काफी हद तक फायदा मिला। चर्चा है कि अगर टीम एकदम से जेल के भीतर जाती और सर्च करती तो शायद और मोबाइल या अन्य वॢजत सामान मिल सकता था।
हवालाती ने कृत्रिम टांग में छुपाया था मोबाइल:
डी.सी.पी. अश्विनी कपूर के नेतृत्व वाली सर्च टीम जब नई बिल्ंिडग में बनी ब्लाक-बी की बैरक में कैदियों व हवालातियों की तलाशी ले रही थी तो राहुल नामक एक हवालाती द्वारा लगवाई गई दाहिनी कृत्रिम टांग में छिपाकर रखा गया मोबाइल फोन बरामद हुआ।
कैदी से मिली नकदी:
सर्च टीम को कैदी कर्मजीत सिंह के पास से 16 हजार 900 रुपए की नकदी मिली। यह कैदी भी नई बैरकों में बंद है, जिसने उक्त रुपए कपड़ों में लपेटकर छिपाए हुए थे। टीम ने बरामद रुपए जेल प्रशासन के हवाले कर दिए। ए.सी.पी. पवनजीत ने बताया कि इस पर जेल मैनुअल अनुसार ही कार्रवाई होगी।
जेल प्रशासन की फिर खुली पोल:
उक्त सर्च अभियान से जेल प्रशासन के कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के दावों की एक बार फिर पोल खुल गई। बेशक सर्च टीम को 1 मोबाइल, कुछ नशा और नकदी मिली परंतु यह मोबाइल और नकद राशि किस तरह उक्त बंदियों के पास पहुंची, क्योंकि जेल में बंदियों को पैसे की बजाय कूपन प्रयोग करने के लिए दिए जाते हैं। वहीं अपनी कृत्रिम टांग में मोबाइल छिपाकर रखने वाला हवालाती पता नहीं कब से इसका प्रयोग कर रहा था और उसके किसके साथ ङ्क्षलक हैं।
मुलाकातियों को करना पड़ा इंतजार :
सैंट्रल जेल में सर्च अभियान के चलते बंदियों से मिलने आए परिजनों को करीब 1 घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। बता दें कि आज हवालातियों की मुलाकात का दिन था और यह मुलाकात सुबह 8 बजे दर्ज होनी शुरू हो जाती है। दोपहर 2 बजे तक ही मिलने का समय होने के चलते दूर-दराज के मुलाकाती सुबह जल्द पहुंच जाते हैं परंतु 7 से 9 बजे तक चले सर्च अभियान चलते उन्हें इंतजार करना पड़ा।
क्या कहते हैं जेल सुपरिंटैंडैंट :
इस संबंध में बात करने पर जेल सुपरिंटैंडैंट शमशेर सिंह बोपाराय ने बताया कि मोबाइल और नकदी मिलने का मामला पुलिस को भेज दिया गया है तथा साथ ही जेल प्रशासन अपने तौर भी गहनता से जांच में जुट गया, ताकि पता लगाया जा सके कि कैसे मोबाइल व पैसा अंदर पहुंचा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों से भी गहन पूछताछ की जाएगी।
डी.आई.जी जेल भी पहुंचे :
सुबह सर्च अभियान के बाद 11.45 बजे के करीब डी.आई.जी. जेल लखविन्द्र सिंह जाखड़ भी जेल पहुंच गए। सभी ने उनके इस दौरे को उक्त सर्च अभियान से जोड़कर देखा परंतु बात करने पर जेल सुपरिंटैंडैंट ने बताया कि डी.आई.जी. लुधियाना में अपने किसी निजी कार्य हेतु आए थे। वह वैसे ही जेल का दौरा करने पहुंच गए, जबकि उनका सर्च के साथ कोई संबंध नहीं था।