Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 09:43 AM
एक सरहदी हलके अधीन आती रेत की खड्ड पर हो रही गैर-कानूनी माइनिंग से दर्जन के करीब वाहनों को पुलिस द्वारा कब्जे में लेने के उपरांत छोड़ दिए जाने की आज सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रही है, जिससे जिले व उच्च स्तर के अधिकारी इंकार कर रहे हैं। दूसरी ओर...
अमृतसर (पुरी): एक सरहदी हलके अधीन आती रेत की खड्ड पर हो रही गैर-कानूनी माइनिंग से दर्जन के करीब वाहनों को पुलिस द्वारा कब्जे में लेने के उपरांत छोड़ दिए जाने की आज सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रही है, जिससे जिले व उच्च स्तर के अधिकारी इंकार कर रहे हैं। दूसरी ओर आज भी एक सरकारी खड्ड, जिसकी आधिकारिक तौर पर बोली हुई है, को छोड़ कर गांव चाहड़पुर, कोट रजादा, साहोवाल, बल्लड़वाल/सरंगदेव और घोणेवाल में रेत की अवैध माइनिंग जारी रही।
एक तरफ उच्चाधिकारी गैर-कानूनी माइनिंग को लेकर दूध के धुले साबित होने की कोशिश कर रहे हैं परंतु दूसरी ओर कुल 15 के करीब वाहन पकड़ कर छोड़ दिए जाने की सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो और खबरों के बावजूद रेत माफिया को किसी का भी डर नहीं है।
2.49 सैकेंड की हुई वीडियो वायरल
जो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुई है वह 2.49 सैकेंड की है, जिसमें सबसे आगे पुलिस की गाड़ी है और उसके बाद घोणेवाल की अवैध खड्ड से लोगों के रोष के उपरांत कब्जे में लिए गए वाहन हैं, जिसमें ट्रालियां, ट्रक, जे.सी.बी. की मशीन और अन्य वाहन हैं। उक्त खड्ड की शिकायत उच्च अधिकारियों तक गांव के एक युवक ने वीडियो और फोटो सहित की थी, जिसके बाद उच्च पुलिस अधिकारी की टीम मौके पर पहुंची थी और उसके द्वारा अवैध तौर पर रेत खोद रही जे.सी.बी. मशीन और अन्य वाहनों को अपने कब्जे में लेने के उपरांत आगे वाली कार्रवाई थाना रमदास के सुपुर्द कर दी गई थी।
कृति के साथ यह सीधी छेड़छाड़
गांव के युवक ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जिन व्यक्तियों द्वारा माइनिंग घोणेवाल में से की जा रही थी, उनकी शिकायत कर दी गई है, जिसमें पृथीपाल सिंह, गुरपाल सिंह, गुरजीत सिंह, निर्भय प्रताप सिंह आदि हैं। यह खड्ड हाल ही में शुरू की गई है, जिसके साथ क्षेत्र का वातावरण काफी प्रभावित हो रहा है। प्रकृति के साथ यह सीधी छेड़छाड़ है। युवक द्वारा वीडियो बनाई गई है, जिसमें धरती के नीचे से तकरीबन 70 फुट से वरमे लगा कर रेत निकाली जा रही है, जो पूरी तरह गैर-कानूनी है और रेत आधिकारिक तौर पर बोली हुई खड्ड में से निकाली जा रही है।
इसके पीछे अमृतसर के शहर के एक सीनियर कांग्रेसी नेता के अलावा तरनतारन से एक कांग्रेसी विधायक का नाम आ रहा है, जिनके द्वारा उच्चाधिकारियों की रेड के उपरांत कब्जे में लिए गए रेत ढुलाई वाले वाहनों को छोड़ दिया गया था। संबंधित कांग्रेसी नेताओं और उच्चाधिकारियों ने पूरी तरह चुप्पी बरती हुई है और उनके द्वारा फोन भी नहीं उठाए जा रहे।
लोग उड़ा रहे सरेआम कानून की धज्जियां
इस धंधे के साथ जुड़े लोगों द्वारा आज भी सरेआम कानून की धज्जियां उड़ा अवैध खड्डों और रावी दरिया के बीच में से वरमों द्वारा रेत निकालकर सरकार और प्रशासन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। रेत की हो रही इस गैर-कानूनी माइङ्क्षनग संबंधी जहां प्रशासन कुंभकर्णी नींद सोया नजर आ रहा है, वहीं आसपास के गांवों के लोग बहुत दुखी दिखाई दे रहे हैं।
ओवरलोडिड गाडिय़ां बनती हैं लोगों की मौत का कारण
कानून के मुताबिक यदि दोपहिया वाहन में तीन सवारियों का चालान बनता है, जिससे रेत लेकर जा रही गाडिय़ां और ट्रालियां हद दर्जे से अधिक ओवरलोड होती हैं, जो रास्ते में अनेक लोगों की मौत का कारण बनती हैं, पर संबंधित प्रशासन द्वारा ओवरलोड वाहनों का कोई चालान नहीं किया जाता, जिससे साफ जाहिर होता है कि रेत की हो रही अवैध माइनिंग के पीछे राजनीतिक लोगों का हाथ होने के कारण प्रशासन मूकदर्शक बनकर यह सारा काला धंधा होता देख रहा है।