Edited By Updated: 20 Jan, 2017 12:16 PM
नोटबंदी के बाद देश को कैशलैस करने के लिए मोदी सरकार की तरफ से कार्ड स्वैप करके पैट्रोल या डीजल डलवाने वाले लोगों को दी गई 0.75 प्रतिशत
पटियाला(राजेश) : नोटबंदी के बाद देश को कैशलैस करने के लिए मोदी सरकार की तरफ से कार्ड स्वैप करके पैट्रोल या डीजल डलवाने वाले लोगों को दी गई 0.75 प्रतिशत की छूट का खमियाजा पैट्रोल पंप के मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार की तेल कंपनियों की तरफ से तो इस छूट का लाभ लिया जा रहा है परंतु इस संबंधी बनता रिफंड पैट्रोल पंप के मालिकों को नहीं भेजा जा रहा, जिस कारण पैट्रोल पंप के मालिकों का लाखों रुपया सरकार के पास फंस गया है। नोटबंदी के बाद पैट्रोल पंपों पर 60 प्रतिशत सेल स्वैप कार्ड द्वारा होने लगी है, जिस कारण रोजाना ही पैट्रोल पंपों का हजारों रुपया रिफंड बन जाता है और महीने में यह राशि लाखों रुपए पर पहुंच जाती है। नोटबंदी के कारण पहले ही पैट्रोल पंप आॢथक मंदहाली के शिकार हैं। सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से पंप मालिकों को बहुत ही कम कमीशन दिया जाता है। यही कारण है कि कई स्थानों पर लोगों ने पैट्रोल पंप बंद करके अपनी जमीनें कंपनियों से वापस लेकर वहां शोरूम बना दिए हैं।
जिले के कई पैट्रोल पंप मालिकों ने ‘पंजाब केसरी’ के साथ अपना दुख सांझा करते हुए बताया कि जब सरकार ने कैशलैस को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया था तो तेल कंपनियों ने विश्वास दिलाया था कि इस संबंधी पैट्रोल पंपों को रिफंड एक हफ्ते में दे दिया जाएगा परंतु दो महीने बीतने पर भी यह रिफंड नहीं मिल रहा, जिस कारण पैट्रोल पंप के मालिक काफी परेशान हैं। कई बार तो सरकारी कंपनी से तेल की गाड़ी लेने के लिए उनका ड्राफ्ट भी नहीं बनाया जाता। जिला पैट्रोलियम एसोसिएशन के नेता प्रेम कुमार ने बताया कि समूची कंपनियां ही इसमें दोषी हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन आयल, हिंदुस्तान पैट्रोलियम, भारत पैट्रोलियम की तरफ से यह रिफंड नहीं दिया जा रहा। हिंदुस्तान पैट्रोलियम (एच.पी.) के अफसरों की तरफ से तो कोई सुनवाई नहीं की जा रही, जिस कारण पंप मालिकों को काफी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस समस्या का हल न निकाला गया तो एसोसिएशन की तरफ से कंपनी के खिलाफ रोष प्रदर्शन किए जाएंगे।