Edited By Updated: 23 Jan, 2017 09:46 AM
केन्द्र सरकार ने पैट्रोल तथा डीजल की कीमतों में एक ही महीने में दूसरी बार वृद्धि करके नोट बंदी की मार झेल रहे किसानों तथा आम लोगों को एक
हरियाना(आनंद): केन्द्र सरकार ने पैट्रोल तथा डीजल की कीमतों में एक ही महीने में दूसरी बार वृद्धि करके नोट बंदी की मार झेल रहे किसानों तथा आम लोगों को एक और झटका दे दिया है जिससे देश के किसानों तथा आम जनता पर भारी बोझ डाल कर उनके सामने एक और चुनौती खड़ी कर एक बार फिर रुला कर रख दिया है। इन विचारों का प्रकटावा करते हुए भारतीय किसान यूनियन के सीनियर नेता सुच्चा सिंह ताजपुर ने कहा कि केन्द्र सरकार का तेल कम्पनियों की पर कोई कंट्रोल नहीं है तथा तमाम तेल कंपनियों को लूट की छूट दे रखी है। टैक्स सहित पैट्रोल 56 पैसे तथा डीजल 1 रुपए 19 पैसे बढ़ाकर किसानों तथा आम जनता पर भारी बोझ लाद दिया है जिससे आम वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। केन्द्र सरकार की किसानों प्रति कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण ही किसान आर्थिक मंदहाली का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने मोदी सरकार के अच्छे दिनों की बात करते हुए कहा कि अच्छे दिन तो मोदी सरकार तथा नेताओं के ही आए हैं जबकि देश की जनता बुरे दिनों का संताप झेल रही है। उन्होंने नोट बंदी की बात करते हुए कहा कि नोटबंदी से किसानों तथा आम जनता को भारी संताप झेलना पड़ रहा है जबकि बैंकों के आगे लगी लाइनों में न तो कोई बड़ा व्यापारी तथा न ही कोई सरमाएदार ही लाइन में लगा दिखा। मोदी की काले धन को बाहर निकालने की नोट बंदी की योजना भी ठुस्स होकर रह गई। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार सही मायनों में किसानों की हितैषी है तो उसे कम से कम 20 रुपए प्रति लीटर तेल की कीमतों में कमी करनी चाहिए।