Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 04:46 PM
पैट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी से जहां केन्द्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है, वहीं ट्रांसपोर्टरों ने भी इस वृद्धि को ट्रांसपोर्ट उद्योग व आम जनता के हितों के विरुद्ध बताया है।
लुधियाना (गुप्ता): पैट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी से जहां केन्द्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है, वहीं ट्रांसपोर्टरों ने भी इस वृद्धि को ट्रांसपोर्ट उद्योग व आम जनता के हितों के विरुद्ध बताया है।
माल भाड़ा बढ़ा तो बढ़ेगी महंगाई
वरिष्ठ ट्रांसपोर्टरों डी.एस. ट्रांसपोर्ट के अवतार सिंह व एक्यूरेट कैरियर के जनकराज गोयल ने कहा कि 16 जून से देश भर में पैट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय किए जाते हैं परंतु पिछले 2 माह में पैट्रोल-डीजल के रेट एक बार भी नहीं घटे। माना जाए तो 3 वर्ष में पैट्रोल व डीजल के भाव सबसे ऊपरी स्तर पर है। इससे ट्रांसपोर्ट उद्योग को भारी घाटे का सामना करना पड़ता है क्योंकि डीजल के भाव तो बढ़ते परंतु माल भाड़े नहीं बढ़ते अगर वृद्धि इसी तरह जारी रही तो माल की ढुलाई बढऩे से महंगाई बढ़ेगी जिसका बोझ आम जनता पर पड़ेगा।
सरकार दे जनता के हितों पर ध्यान
पंजाब कांग्रेस के महासचिव रमेश जोशी ने कहा कि पैट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि से आम जनता में त्राहि-त्राहि मच गई है परंतु आम आदमी की सरकार कहलाने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि आम जनता किस प्रकार से दुखी है। केन्द्र सरकार को तुरंत पैट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए व उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा कांग्रेस पार्टी जनमत को तैयार करके सरकार के विरुद्ध आंदोलन करेगी।
केन्द्र व राज्य सरकारें घटाएं पैट्रोल-डीजल पर अपने टैक्स
लुधियाना ट्रांसपोर्ट वैल्फेयर एसोसिएशन के चेयरमैन पृथ्वीराज शर्मा व महासचिव मोहन सिंह गिल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जहां पैट्रोल-डीजल को जी.एस.टी. से बाहर रखा हुआ है वहीं राज्य सरकारें इस पर वैट लगाती हैं। पंजाब में वैट की दर सबसे अधिक होने की वजह से पैट्रोल व डीजल की कीमतें अधिक उछाल मारती हैं। जनता को राहत देने के उद्देश्य से केन्द्र व राज्य सरकारों को अपने टैक्सों में कमी करनी चाहिए।