Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 09:06 AM
पंजाब में होने वाले म्यूनिसिपल कार्पोरेशंस, म्यूनिसिपल काऊंसिल तथा नगर पंचायत के चुनावों में वोटर-वैरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वी.वी. पैट) का ई.वी.एम. के साथ इस्तेमाल किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका मंगलवार को याची एडवोकेट ने वापस ले ली
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): पंजाब में होने वाले म्यूनिसिपल कार्पोरेशंस, म्यूनिसिपल काऊंसिल तथा नगर पंचायत के चुनावों में वोटर-वैरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वी.वी. पैट) का ई.वी.एम. के साथ इस्तेमाल किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका मंगलवार को याची एडवोकेट ने वापस ले ली जिस पर हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। दरअसल हाईकोर्ट द्वारा मामले में पंजाब सरकार को जारी नोटिस पर मंगलवार को सरकार ने बताया कि पंजाब के एम.सी. चुनावों में वी.वी. पैट का इस्तेमाल किए जाने पर इलैक्शन कमीशन ऑफ इंडिया का नियंत्रण है जिसे याचिका में प्रतिवादी नहीं बनाया गया है।
हाईकोर्ट ने याची एडवोकेट को कहा कि मामले में इलैक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को पार्टी नहीं बनाया गया है। ऐसे में याची को पुन: नए सिरे से यह याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हुए वर्तमान याचिका खारिज कर दी गई।
हाईकोर्ट एडवोकेट प्रद्युम्न गर्ग ने पंजाब सरकार समेत स्टेट इलैक्शन कमीशन, पंजाब को पार्टी बनाते हुए यह याचिका दायर की थी। वी.वी. पैट को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के लिए आवश्यक बताया गया था। मांग की गई थी कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश जारी करें कि वी.वी. पैट को पंजाब म्यूनिसिपल कार्पोरेशन एंड काऊंसिल इलैक्शंस में इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ शामिल किया जाए जो 17 दिसम्बर को होने वाले हैं। याचिका में डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी बनाम इलैक्शन कमीशन ऑफ इंडिया केस को अहम रूप से आधार बनाया गया था।