Edited By Updated: 24 Mar, 2017 12:35 PM
पहली अप्रैल से वाटर मीटर पॉलिसी लागी होने से पहले ही उस पर पेंच फंस गया है।
जालंधरः पहली अप्रैल से वाटर मीटर पॉलिसी लागी होने से पहले ही उस पर पेंच फंस गया है। दरअसल पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने पॉलिसी पर अंशिक रोक लगाई थी जिसकी जानकारी निगम अधिकारियों को नहीं थी,जिसके चलते उन्होंने पहली अप्रैल से हर घर को मीटर लगवाने के निर्देश जारी कर दिए। वीरवार को मेयर सुनील ज्योति व निगम कमिश्नर गुरप्रीत खैहरा को वॉटर मीटर पॉलिसी पढ़ने के बाद पता चला कि सरकार ने इस पर रोक लगाई हुई है।
दरअसल पॉलिसी चार भागों में बनाई गई थी जिसमें से 2 भागों पर सरकार ने रोक लगाई हुई थी। अब निगम के सामने समस्या यह है कि सरकार की अंशिक रोक के चलते क्या वह पॉलिसी को शहर में लागू कर सकते हैं या फिर इस स्टे अॉर्डर को नई सरकार से रिमूव करवाना होगा।
निगम कमिश्नर का कहना है कि हमें भी अाज ही पता चला है कि सरकार द्वारा पॉलिसी पर अांशिक स्टे अॉर्डर जारी हुअा था। उन्होंने बताया कि उन्होंने एडीशनल कमिश्नर की ड्यूटी लगाई है कि वह सरकारी वकील की अोपिनियन हासिल करें। अभी यह भी क्लीयर नहीं है कि वाटर मीटर पॉलिसी की पूरी तरह से लागू किया जाएगा या अांशिक तौर पर। खैहरा ने बताया कि एक-दो दिन में हमारे अधिकारी लीगल एक्सपर्ट से बातचीत करके सारी गुत्थी सुलझा लेंगे। उसके बाद ही वाटर मीटर पॉलिसी लागू करने या स्थगित करने की घोषणा की जाएगी। बहरहाल निगम की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। किसी को वाटर मीटर नहीं लगाने की पैनल्टी नहीं लगेगी।