Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 03:24 PM
पर्यावरण में आ रहे प्रदूषण के कारण हो रही काला पीलिया, कैंसर समेत अन्य भयानक बीमारियों के खात्मे के लिए मालवे के लोगों ने अब इन बीमारियों की आखिरकार जड़ पकड़ ली है। किसानों की ओर से रासायनिक खाद से की जा रही खेती को रोककर अब मोगा......
मोगा (पवन ग्रोवर): पर्यावरण में आ रहे प्रदूषण के कारण हो रही काला पीलिया, कैंसर समेत अन्य भयानक बीमारियों के खात्मे के लिए मालवे के लोगों ने अब इन बीमारियों की आखिरकार जड़ पकड़ ली है। किसानों की ओर से रासायनिक खाद से की जा रही खेती को रोककर अब मोगा जिले के गांव खोसा पांडो, खोसा कोटला समेत कई अन्य गांवों के किसानों ने इलाके की प्रसिद्ध धार्मिक शख्सियत बाबा गुरमीत सिंह के नेतृत्व में कुदरती खेती की शुरूआत की है। हाल में किसानों की ओर से 50 एकड़ फसल पर कुदरती खेती की शुरूआत की गई है, जिसको भविष्य में आगे बड़े स्तर पर ले जाना निर्धारित किया गया है।
यही नहीं गांवों के लोगों ने वातावरण प्रेमी बलविन्द्र सिंह लक्खेवाली से सहमत होते अब गांवों में हरियाली लाने के लिए विशेष लक्खेवाली प्रोजैक्ट की शुरूआत भी की है, जिसके तहत गांव की हर गली-मोहल्ले फल, फूलदार तथा आयुर्वैदिक पौधे लगाने का प्रोग्राम निर्धारित किया गया है। ‘पंजाब केसरी’ टीम की ओर से आज जब इन गांवों की जमीनी हकीकत जानने के लिए दौरा किया गया तो गांव खोसा पांडो में हल्दी, सब्जियां, मूंगी, मूली समेत अन्य फसलों की जहरों से मुक्त काश्त देखी गई। फसलों की देखरेख कर रहे किसानों का कहना था कि संत बाबा गुरमीत सिंह की प्रेरणा से वे कुदरती खेती की तरफ आए हैं।
उन्होंने कहा कि कुदरती खेती से उगाई गई सब्जियां खाने में स्वाद होने के साथ-साथ इनके खाने के उपरांत पेट में किसी तरह के तेजाब, गैस तथा अन्य किसी बीमारी का सामना भी नहीं करना पड़ता। उन्होंने बताया कि वह सब्जियां की काश्तकार करके यहां ही सेल करते हैं तथा इलाके के कई गांवों के लोग अब इन सब्जियां का ही इस्तेमाल करने लगे हैं। कुदरती विधि से पैदा की जा रही फसलों पर कोई जहर तथा खाद के छिड़काव की बजाय रूड़ी तथा देसी खादों का प्रयोग किया जा रहा है।
नजदीकी गांव खोसा रणधीर में लग रहे 5 हजार पौधों की शुरूआत करवाते हलका विधायक सुखजीत सिंह काका लोहगढ़ तथा बाबा गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रत्येक घर के आगे व गांव को मिलाने वाली सारी सड़कों के 1-1 किलोमीटर दायरे में पौधे लगाए जा रहे हैं। बाबा गुरमीत सिंह ने बताया कि इसके उपरांत समूचे गांव के किसानों की खेती मोटरों पर 5-5 फल तथा फूलदार पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव में लगाए जा रहे पौधों की संभाल का जिम्मा उठाने के लिए ट्री गार्ड लगाए जा रहे हैं। भयानक बीमारियों के खात्मे के लिए अब लोगों को पर्यावरण बचाने का झंडा उठाना ही पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यदि अब भी न संभले तो वह दिन दूर नहीं, जब इस धरती पर सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।