Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 09:59 AM
आपने फिल्मों में किसी एक्टर को किसी विभाग का नकली अधिकारी बनते देखा होगा परंतु हकीकत में ऐसा कम ही देखा होगा परंतु डिवीजन
लुधियाना (पंकज): आपने फिल्मों में किसी एक्टर को किसी विभाग का नकली अधिकारी बनते देखा होगा परंतु हकीकत में ऐसा कम ही देखा होगा परंतु डिवीजन नंबर-5 की पुलिस की गिरफ्त में एक ऐसा आरोपी आया है जो पलक झपकते पटवारी, तहसीलदार, डाक्टर व डी.टी.ओ. बन जाता था। पुलिस गिरफ्त में आने के बावजूद इस बहरूपिए के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह किसी को बोलने ही नहीं देता व अधिकारियों के समक्ष दावा करता है कि अगर उनका भी कोई काम फंसा हुआ है तो वह उसे तय फीस चुकाएं व पलक झपकते ही वह उनकी समस्या का हल कर देगा।
आरोपी राकेश बांसल पुत्र मोहन लाल पिछले कई वर्षों से मिनी सचिवालय में अपनी दुकान जमाए हुए था। वाहनों के चालान भुगताने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने से लेकर पटवारखानों, स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों, फर्दों, इंतकाल सहित अन्य सरकारी फर्जी दस्तावेजों को पलक झपकते ही न सिर्फ वह तैयार कर देता था, बल्कि बकायदा इन दस्तावेजों को दफ्तरों में चला भी देता था व इसकी एवज में लोगों से तय फीस लेता था। पुलिस गिरफ्त में आए इस आरोपी के कारनामे जानकर स्वयं अधिकारी भी हैरान हैं और अपना रिकॉर्ड टटोलने की तैयारी कर रहे हैं।
पटवारी के सामने बना रहा था जाली फर्दें
मिनी सचिवालय स्थित सरकारी कैंटीन में चाय पीने पहुंचे पटवारियों की टोली के पैरों से जमीन तब खिसकी, जब उन्होंने शुक्रवार को कैंटीन में आरोपी को पटवारखाना खोले देखा। बिना किसी डर या खौफ के आरोपी धड़ाधड़ जाली फर्दें तैयार करके उस पर हस्ताक्षर कर रहा था, जिस पटवारखाने की वह जाली फर्दें बना रहा था, भाग्यवश उसी सर्कल का पटवारी भी वहां पहुंच गया और यह सब कुछ देख दंग रह गया।
तहसीलदार साहब सेवा दस्सो
जब पटवारी इस आरोपी को पकड़कर तहसीलदार मंदीप ढिल्लों के पास लेकर पहुंचे तो वहां भी उसके चेहरे पर शिकन नजर नहीं आया, उलटा वह तहसीलदार से पूछने लगा कि अगर आपको कोई काम है तो बताएं। इतना ही नहीं पुलिस मुलाजिमों के आने पर उसने इत्मीनान से पूछा कि थाना प्रभारी कौन है। जब मुलाजिमों ने उसे प्रभारी का नाम बताया तो वह खुश होते हुए बोला कि उन्होंने तो पहले भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारी हैरान व परेशान
जिस बेखौफ से आरोपी अपने कारनामों का व्याख्यान कर रहा था, उसे सुनकर विभिन्न विभागों के अधिकारी न सिर्फ हैरान थे, बल्कि खासे परेशान भी थे, क्योंकि आरोपी ने अपनी उस्तादी से किस-किस मामले में जाली दस्तावेजों का सफलतापूर्वक उपयोग करके सरकार व विभाग को धोखा दिया, उनकी शिनाख्त करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन भी है।