Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 05:09 PM
पंजाब में उद्योगों को पुनर्जीवित करने के कैप्टन सरकार के प्रयासों को जोरदार झटका देते हुए अब लुधियाना के उद्योगपति बिहार में निवेश करने के लिए तैयार हैं।
लुधियाना: पंजाब में उद्योगों को पुनर्जीवित करने के कैप्टन सरकार के प्रयासों को जोरदार झटका देते हुए अब लुधियाना के उद्योगपति बिहार में निवेश करने के लिए तैयार हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार द्वारा अपने राज्य में उद्योगों के विकास के लिए पंजाब के उद्योगपतियों को कई प्रकार की सुविधाएं देने की पेशकश की गई है। इसके चलते उद्योगपतियों ने बिहार के अधिकारियों से मुलाकात कर पटना से 150 किलोमीटर स्थित देहरी में 1000 करोड़ का निवेश करने का विचार किया है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में भूमि, श्रम और औद्योगिक इकाईयों की बढ़ती लागत को देखते हुए बिहार सरकार ने उद्योगपतियों को रियायतें,प्रोत्साहन राशि के साथ करों के साथ बिजली दरों में छूट देने की पेशकश की है। इसे और बल दिया है कैप्टन सरकार की नई उद्योग नीति ने जिसमें सरकार उद्योगपतियों को किए गए वायदे पूरे करने में असफल रही है।
इस संबंधी निटवेअर क्लब के वित्त सचिव हरीश ने कहा कि दोनों राज्यों में सब्सिडी की दरों के साथ मुख्य अंतर भूमि अधिग्रहण की लागत में भी है जोकि बिहार की तुलना में पंजाब में काफी अधिक है। इसके अलावा, बिहार में सस्ती श्रम की उपलब्धता भी प्रमुख कारकों में से एक है,जिससे उत्पादन की लागत में बड़ी बचत होगी।
संगठन अध्यक्ष हरीश दुआ ने कहा कि उनकी बिहार के अधिकारियों के साथ हुई बैठक काफी संतोषजनक रही है। बिहार सरकार ने बिजली, कर छूट, प्रोत्साहन और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ-साथ 5 साल के लिए 20 करोड़ रुपए की ब्याज दर पर सब्सिडी देने का वायदा किया है। इस प्रोत्साहन से लुधियाना के 15 उद्योगपति उद्योगों के विस्तार करने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के निवेश करने पर विचार कर रहे हैं।
इसका अंतिम फैसला लुधियाना लौटने के बाद एसोसिएशन के निवेश करने के इच्छुक उद्योगपतियों के साथ बैठक करके लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीतिश कुमार ने बिहार में कानून व्यवस्था में काफी सुधार किया है। इसके साथ जैसे उन्होंने गुरु गोबिंद जी की 351 वें प्रकाशोत्सव का आयोजन किया। वह भी काबिले तारीफ था। इसी कारण निवेशकों के लिए बिहार पंसदीदा स्थान बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार औद्योगिक संयंत्रों की सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे औद्योगिक सुरक्षा प्रदान करने पर भी सहमत हुई है।