Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 08:46 AM
मुकेरियां के एक निजी अस्पताल में बच्चे की हुई मृत्यु के कारण डाक्टर की मारपीट एवं अस्पताल की तोडफ़ोड़ का मामला सामने आया है। सिविल अस्पताल में बच्चे का पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे बच्चे के पिता सर्वजीत एवं दादा चरण सिंह निवासी गांव पुरीका ने पारिवारिक...
मुकेरियां (नागला): मुकेरियां के एक निजी अस्पताल में बच्चे की हुई मृत्यु के कारण डाक्टर की मारपीट एवं अस्पताल की तोडफ़ोड़ का मामला सामने आया है। सिविल अस्पताल में बच्चे का पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे बच्चे के पिता सर्वजीत एवं दादा चरण सिंह निवासी गांव पुरीका ने पारिवारिक सदस्यों की मौजूदगी में आरोप लगाया कि उनके बच्चे की मृत्यु डाक्टर की लापरवाही के कारण हुई है।
उन्होंने बताया कि गत 14 नवम्बर को बच्चे का जन्म ऑप्रेशन द्वारा इसी अस्पताल में हुआ जोकि बिल्कुल ठीकठाक था परंतु 16 नवम्बर को पीलिया की शिकायत हो जाने पर बच्चे को फोटोथैरेपी मशीन में रख दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि साथ बलोअर चल रहा होने के कारण बच्चे के होंठ तक सूख गए तथा 4-5 घंटे रोने के उपरांत वह सदा के लिए चुप हो गया। उन्होंने बताया कि वह बच्चे के सामने बैठे थे परंतु 6 घंटे तक बार-बार कहने पर भी बच्चे को कोई देखने नहीं आया जिसके कारण बच्चे की मृत्यु हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे चीखने-चिल्लाने लगे तो सुरक्षा गार्ड ने धक्के मार कर उन्हें बाहर निकाल दिया।
क्या कहना है डाक्टर का
इस संबंध जब डा. रजत गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चे को 13.9 मिलीग्राम पीलिया था जिसके चलते बच्चे को फोटोथैरेपी मशीन में रखा गया। उन्होंने बताया कि ठंड के चलते बलोअर लगाना अति जरूरी था। बच्चे की अचानक हुई मृत्यु संबंधी उन्होंने बताया कि दूध पिलाने के कारण आए डकार के चलते दूध बच्चे के फेफड़ों में चला गया होगा जो बच्चे की मौत का कारण बना। उन्होंने कहा कि कौन डाक्टर चाहता है कि उसके मरीज की मृत्यु हो। डा. रजत ने बताया कि बच्चे की मृत्यु के उपरांत बच्चे के पिता सर्वजीत तथा उसके साले ने पारिवारिक सदस्यों को साथ लेकर उस पर हमला कर दिया तथा मारपीट करते हुए उसके हाथ की एक उंगली तक तोड़ दी। डा. रजत ने बताया कि इन लोगों ने फोटोथैरेपी मशीन तोडऩे के साथ-साथ अस्पताल में भी तोडफ़ोड़ की जोकि अस्पताल मुलाजिमों द्वारा मौके पर बनाई गई वीडियो में कैद है। इस संबंधी जब थाना प्रभारी करनैल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि धारा 174 की कार्रवाई करने के उपरांत इंक्वायरी मार्क कर दी गई है। रिपोर्ट आने के उपरांत ही पर्चा दर्ज किया जाएगा।