Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 10:31 AM
पठानकोट क्षेत्र पंजाब सहित हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर 3 राज्यों का प्रवेश द्वार होने के कारण चहुंओर से नैशनल हाईवे से घिरा हुआ है। इसके पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण चारों दिशाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल फैला हुआ है।
पठानकोट (शारदा): पठानकोट क्षेत्र पंजाब सहित हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर 3 राज्यों का प्रवेश द्वार होने के कारण चहुंओर से नैशनल हाईवे से घिरा हुआ है। इसके पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण चारों दिशाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल फैला हुआ है।
पठानकोट-अमृतसर हाईवे हो या जम्मू-पठानकोट-जालंधर हाईवे या पठानकोट-जम्मू नैशनल हाईवे या पठानकोट-डल्हौजी बाईपास सभी पर छोटे-बड़े वाहनों की ट्रैफिक की भरमार है। इन हाईवे पर आए दिन छोटे-बड़े सड़क हादसे घटित हो रहे हैं, जिसमें अमूल्य मानवीय जिंदगियां हादसों का शिकार होकर असमय काल का ग्रास बन रही हैं। हालांकि इन सभी पर कई स्थान एक्सीडैंट प्रॉन क्षेत्र (ब्लैक होल) हैं परन्तु इस संबंध में आने-जाने वाले बाहरी व स्थानीय लोगों को आगाह करने के लिए अभी तक कोई साइन बोर्ड या डिसप्ले चिन्ह नहीं लगाया गया है।
इसी का परिणाम है कि हादसों से अनजान वाहन चालक हाईवे पर सामान्य रफ्तार की माफिक ही इन एक्सीडैंट प्रॉन क्षेत्र में भी अपने वाहन दौड़ाते हैं। ऐसे में इन वाहनों के हादसों का शिकार होने का खतरा और भी बढ़ जाता है। पठानकोट क्षेत्र आस-पास हाईवे का जाल बिछा होने से सड़क हादसों की संख्या में हो रहे इजाफे के देखकर ही कई वर्ष पहले सूबे में 2 ट्रोमा सैंटर स्थापित किए गए थे जिसमें एक पठानकोट सिविल अस्पताल में स्थापित किया गया था ताकि सड़क हादसों का शिकार होने वाले गंभीर जख्मियों को ट्रोमा सैंटर में पहुंचाकर व समय पर इलाज करवाकर उनकी जान बचाई जा सके।
अब तक हुए सड़क हादसों का ब्यौरा व मानवीय मौतों का आंकड़ा
*शाहपुरकंडी पुलिस के अधीन आते मार्गों या हाईवे पर चालू वर्ष के दौरान अब तक करीब 9 बड़े सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं जिनमें 9 लोग जख्मी हुए थे जिनमें से 5 की मौत हो गई।
*तारागढ़ पुलिस के अधीन आते क्षेत्र में अब तक दर्जन भर सड़क हादसों में आधा दर्जन से अधिक मानवीय जिंदगियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं डेढ़ दर्जन के करीब लोग घायल हुए हैं।
*डिवीजन नं.-1 की पुलिस के अधीन आते हाईवे पर 8 सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं जिनमें से 2 मौतें व आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं।
*सुजानपुर पुलिस के अधीन आते हाईवे पर भी आधा दर्जन से अधिक सड़क हादसे अब तक घटित हो चुके हैं तथा कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
ब्लैक होल पर रिफ्लैक्टर या साइन बोर्ड लगाना कार्पोरेशन के एजैंडे में शामिल ही नहीं
वहीं नगर निगम जिसके अधीन इन हाईवे का जितना भी क्षेत्र आता है, पर गुजरने वाले वाहन चालकों को एक्सीडैंट प्रॉन क्षेत्र में आने पर आगाह करने के लिए, नागरिक प्रशासन सक्रिय न होकर पूरी तरह निष्क्रिय है। इस मामले में तह तक जाने पर यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि हाईवे पर चिन्हित ब्लैक होल स्थानों पर रिफ्लैक्टर या साइन बोर्ड लगाना ही कार्पोरेशन के एजैंडे में शामिल ही नहीं है।
ये हैं सड़क हादसों के लिए एक्सीडैंट प्रॉन क्षेत्र
सुजानपुर वि.स.क्षेत्र: शाहपुरकंडी पुलिस के अधीन आते पंगोली चौक जिसे खूनी चौराहा भी कहा जाता है, आए दिन वाहन चालकों व राहगीरों के लिए मौत का दूत बना हुआ है। आस-पास कवर्ड क्षेत्र होने के कारण चहुंओर से आने वाली ट्रैफिक को दूसरी दिशा से आने वाले वाहनों व राहगीरों का अंदाजा ही नहीं हो पाता जिससे अक्सर चौराहे से गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहन एक-दूसरे से टकरा जाते हैं। चंद रोज पहले ही पंगोली चौक के समीप दर्दनाक सड़क हादसे में स्विफ्ट डिजाइर अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें मनाली से लौट रहा दम्पति चपेट में आ गया जिसमें नवविवाहिता की मौत हो गई।
भोआ वि.स. क्षेत्र : पठानकोट-अमृतसर हाईवे पर कोटली नहर, नरोट मेहरा पुल, परमानंद व रछपालवां ऐसे क्षेत्र हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से एक्सीडंैट प्रॉन क्षेत्र में आते हैं। यहां हर समय तेज रफ्तार से आने वाले वाहन या तो खुद या फिर अन्य को नाना समस्याओं के चलते हादसों का शिकार बनाते हैं। कई स्थानों पर भारी आबादी या मार्कीट बन चुकी है, यहां के निवासी जब अपनी दिनचर्या के मुताबिक हाईवे पर चढ़ते हैं तो तेज रफ्तार हाईवे से गुजर रहे वाहनों की चपेट में आ जाते हैं।
वहीं कई स्थानों पर लोगों ने अपनी सुविधा के लिए खुद हाईवे पर कट बना रखे हैं। ऐसे में गांवों से हाईवे पर चढऩे वाले वाहन चालक या राहगीर आते हैं तो हाईवे पर गुजर रहे वाहनों को पहले इसका अंदाजा नहीं हो पाता तथा जब होता है तब तक देर हो चुकी है।
पठानकोट वि.स. क्षेत्र : पठानकोट-जम्मू-जालंधर हाईवे पर मल्लिकपुर चौराहा निरंतर बढ़ रहे सड़क हादसों से खूनी चौराहा बनता जा रहा है। यहां अब तक कई हादसे हो चुके हैं तथा कइयों की जानें चली गई हैं। वहीं धीरा क्षेत्र में हाईवे पर मुडऩे के लिए कट काफी आगे होने से कई बार वाहन पहले ही पुल से दाएं ओर मुड़ जाते हैं या आगे आ रहे वाहनों के साथ भिड़ जाते हैं। वहीं ढाकी पुल चौराहा भी खूनी चौराहा बनता जा रहा है।
नगर के टेल एंड पर चक्की पुल चौराहा में ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जब कोई हादसा न घटित होता हो। यहां न तो हादसों से बचने के लिए रिफ्लैक्टर लगे हैं तथा न ही कोई और उपाय किया गया है। ट्रैफिक पुलिस भी यहां सिर्फ वी.आई.पी. या वी.वी.आई.पी. के गुजरने के समय नजर आती है। वहीं पठानकोट-डल्हौजी हाईवे पर ट्रक यूनियन मोड़ विशुद्ध हादसों को निमंत्रण देता मोड हैं। ऐसे में चहुंओर हाइवे से गिरा होने के कारण यह शहरों सड़क हादसों का शहर बनता जा रहा है परन्तु न तो इस ओर हाईवे अथॉरिटी तथा न ही निगम प्रशासन और न ही ट्रैफिक पुलिस कुछ खास तवज्जो दे पा रही है।