Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 11:18 AM
प्रदेश के अंदर जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन करवाने वाले आवेदकों को पासपोर्ट सेवा केन्द्र की तर्ज पर अप्वाइंटमैंट मिलेगी, क्योंकि रजिस्ट्रेशन के लिए सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर (प्रिजम) में बड़े स्तर पर बदलाव करने के बाद...
जालंधर/आदमपुर (अमित, चांद, जतिन्द्र, दिलबागी): प्रदेश के अंदर जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन करवाने वाले आवेदकों को पासपोर्ट सेवा केन्द्र की तर्ज पर अप्वाइंटमैंट मिलेगी, क्योंकि रजिस्ट्रेशन के लिए सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर (प्रिजम) में बड़े स्तर पर बदलाव करने के बाद नैशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर (एन.जी.डी.आर.एस.) लागू होने जा रहा है। पूरे देश में इस सॉफ्टवेयर को लागू करने में अग्रणी बनने जा रहे पंजाब के अंदर पहले चरण में इसे आदमपुर में 15 नवम्बर को लांच किया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट का उद्देश्य आम जनता का सशक्तिकरण करना है।
वीरवार को आदमपुर में इस प्रोजैक्ट की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सैक्रेटरी रैवेन्यू डा. एस. करूणाराजू ने कहा कि देश का यह पहला ऐसा प्रोजैक्ट होगा, जिससे लोगों के समय, पैसे और ऊर्जा तीनों की बचत होगी। इस अवसर पर उनके साथ डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा, ए.डी.सी. (जनरल) जसबीर सिंह, डी.आर.ओ. परमजीत सिंह सहोता, डी.ई.ओ. अमोलक सिंह कलसी, एस.डी.एम.-1 राजीव वर्मा, नायब तहसीलदार आदमपुर प्रदीप कुमार, एक्सीयन पी.डब्ल्यू.डी. सरबराज आदि उपस्थित थे। डा. एस. करूणाराजू ने कहा कि इस प्रोजैक्ट को लागू करने के पीछे यह सोच है कि आम जनता अपने घर बैठे ही अपनी लैंड रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन कर सके। उन्होंने कहा कि इस नए सिस्टम के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने वालों को सरकार की वैबसाइट पर जाकर अपनी जमीन संबंधी जरूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी, जिसके पश्चात कलैक्टर रेट के हिसाब से जमीन के निर्धारित रेट की कैलकुलेशन ऑनलाइन हो जाएगी।
दो दशक पुराने सॉफ्टवेयर से मिलेगी मुक्ति : मौजूदा समय में प्रदेश की सारी तहसीलों में रजिस्ट्रेशन का काम लगभग दो दशक पुराने सॉफ्टवेयर प्रिजम का इस्तेमाल हो रहा है। 2004 के बाद से इसे कभी अपग्रेड ही नहीं किया गया था। इसमें बहुत सी खामियां हैं और आम जनता के साथ-साथ अधिकारियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नए सॉफ्टवेयर के आने से दो दश्क पुराने सॉफ्टवेयर से मुक्ति मिलेगी।
प्रिजम की जगह लेगा नैशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर
प्रिजम सॉफ्टवेयर की जगह एन.आई.सी. द्वारा तैयार नैशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर (एन.जी.डी.आर.एस.) लेगा, जिसमें पुरानी खामियों को दूर करके नई तकनीक के साथ कई नए फीचर उपलब्ध होंगे। सबसे पहले आवेदक को वैबसाइट पर जाकर सिटीजन रजिस्ट्रेशन कालम पर अपना यूजर आई.डी. क्रिएट करना होगा। लॉग इन करने के बाद आवेदक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओ.टी.पी. आएगी, जिसको भरने के बाद रजिस्ट्री से संबंधित अन्य जानकारी भरनी होगी। जमीन की किस्म, उसका रकबा, कीमत आदि भरने के बाद सॉफ्टवेयर अपने आप अष्टाम ड्यूटी व उसकी सारी फीस कैलकुलेट करके बता देगा। सॉफ्टवेयर में खरीदार और बेचने वालों की सारी जानकारी भरी जाएगी और उनके आई.डी. प्रूफ अपलोड किए जाएंगे, जिसके बाद आवेदक अपनी मर्जी वाले दिन और समय पर अप्वाइंटमैंट की आप्शन सलैक्ट कर सकता है। खरीदार और बेचने वालों को अपना-अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड अपलोड करना अनिवार्य किया गया है, जबकि गवाह और नंबरदार के लिए इसकी अनिवार्यता नहीं रखी गई है।
पारदर्शिता, आसान और भागदौड़ से मुक्त होगा नया प्रोजैक्ट
नया प्रोजैक्ट बेहद पारदर्शी और आसान साबित होगा। इसको लागू करने से आम जनता को भाग-दौड़ से भी मुक्ति मिलेगी। नए सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से कोर्ट केसों में काफी मदद मिलेगी, क्योंकि रजिस्ट्री करते समय सॉफ्टवेयर केवल तहसीलदार के अंगूठे (बायोमीट्रिक) से ही खुलेगा। इतना ही नहीं खरीदार और बेचने वालों के भी अंगूठे दर्ज किए जाएंगे। बाद में तहसीलदार के अंगूठा लगाने से ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मुकम्मल होगी। सॉफ्टवेयर में फोटो और बायोमीट्रिक दोनों आने से पारदॢशता बढ़ेगी और बेवजह की मकद्दमेबाजी से भी निजात मिलेगी।