Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 07:52 PM
लगभग 11 वर्ष पहले सामने आए मोगा के बहुचर्चित पासपोर्ट स्कैंडल के मामले की सुनवाई करते बुधवार को मोगा अदालत ने 25 व्यक्तियों को आरोपी करार देते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद तथा 11-11 हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश सुनाया है। सजायाफता आरोपियों में...
मोगा:(पवन ग्रोवर/संदीप): लगभग 11 वर्ष पहले सामने आए मोगा के बहुचर्चित पासपोर्ट स्कैंडल के मामले की सुनवाई करते बुधवार को मोगा अदालत ने 25 व्यक्तियों को आरोपी करार देते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद तथा 11-11 हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश सुनाया है। सजायाफता आरोपियों में एस.एस.पी. दफ्तर मोगा की सुरक्षा शाखा में तैनात रहे तीन हवलदार, पासपोर्ट दफ्तर के एक सुपरीडेंट, जन्म-मृत्यु दफ्तर के एक क्लर्क तथा डाक विभाग के एक मुलाजिम समेत पंजाब एवं चंडीगढ़ के 19 ट्रैवल एजेंट शामिल हैं, जबकि इस मामले में 44 अन्य लोगों को अदालत ने बरी कर दिया।
400 से भी अधिक व्यक्ति किए हैं मामले में नामजद
जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में मोगा पुलिस के एक मुलाजिम सतपाल सिंह की शिकायत के बाद वर्ष 2008 में कुछ व्यक्तियों द्वारा गलत पतों पर आधारित 400 से अधिक लोगों के पासपोर्ट बनानेके संदर्भ में मोगा में आठ व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंडावली की धारा 420, 467, 471, 120-बी तथा पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, जबकि बाद में इस मामले में 400 से अधिक लोगों को नामजद किया गया, जिनमें 250 के करीब व्यक्ति इस मामले में अदालती प्रक्रिया का सामना कर रहे थे, जबकि इस मामले में दिलचस्प बात यह भी है कि 150 के करीब व्यक्ति अभीतक भी पुलिस की गिरफ्त में से बाहर है तथा कईयों के खिलाफ एल.ओ.सी. भी जारी हो चुका है। पासपोर्ट घोटाले का ट्रायल 2014 में शुरू हुआ था तथा अब तक 400 के करीब गवाह भुगतने के साथ-साथ 90 ट्रायल मुक्कमल हो चुके हैं।