संसदीय बोर्ड के सदस्य के लिए भाजपा में लगी दौड़

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 09:54 AM

parliamentary board bjp

भारतीय जनता पार्टी में एक ऐसी सीट खाली हुई है, जिसके दावेदार देश के 12 मुख्यमंत्री और 50 से  ज्यादा केंद्रीय मंत्री हैं ।

जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी में एक ऐसी सीट खाली हुई है, जिसके दावेदार देश के 12 मुख्यमंत्री और 50 से  ज्यादा केंद्रीय मंत्री हैं । यह एक ऐसी सीट है जिसे  पाकर  भाजपा का कोई भी नेता अचानक शक्तिशाली बन सकता है तथा इसके लिए दौड़ लगी हुई है। अभी भाजपा में सिर्फ 11 ऐसे नेता हैं जो इस सीट पर बैठे हैं और 12वीं अभी-अभी खाली हुई है। यह सीट है भाजपा के  सर्वशक्तिशाली  पार्लियामैंट्री (संसदीय) बोर्ड के सदस्य की। कभी लालकृष्ण अडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य हुआ करते थे, लेकिन अब ये सभी मार्गदर्शक मंडल के  सदस्य हैं और अमित शाह पार्लियामैंट्री  बोर्ड के अध्यक्ष हैं।

अब तक इस बोर्ड में 12 सदस्य थे और भाजपा के संविधान के मुताबिक इसमें किसी 13वें की एंट्री नहीं हो सकती थी, लेकिन वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने की वजह से पार्लियामैंट्री बोर्ड में भी एक सीट खाली हुई। अब इसी इकलौती सीट को भरने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जबरदस्त सियासत चल रही है। आखिरी बार शिवराज सिंह चौहान को बोर्ड में लाया गया था। जब राजनाथ सिंह अध्यक्ष बने तो उन्होंने नरेंद्र मोदी को पार्लियामैंट्री बोर्ड का सदस्य बनाया था। इस फैसले से मोदी की केंद्र्रीय सियासत में वापसी हुई थी। लालकृष्ण अडवाणी उस वक्त नरेंद्र मोदी को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाने के खिलाफ थे। जब अमित शाह अध्यक्ष बने तो शिवराज सिंह  चौहान की भी जगह संसदीय बोर्ड में पक्की हो गई। अब एक सीट खाली हुई है तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पूरी ताकत लगा रहे हैं।  उनकी दलील है कि 3 विधानसभा चुनाव लगातार जीतने की कसौटी पर सबसे खरे वही उतरते हैं। 

सूत्रों का कहना है कि इस बार रमन सिंह को संसदीय बोर्ड में बैठने का टिकट नहीं मिलेगा। पार्लियामैंट्री बोर्ड के हिसाब से रमन सिंह काफी कमजोर हैं, इसलिए उनका नंबर आने की संभावना न के बराबर है। अब चर्चा है कि 4 और मुख्यमंत्री और करीब 5 कैबिनेट मंत्री अपना नाम आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। इन सबकी पैरवी भी कोई छोटे नेता नहीं बल्कि बड़े-बड़े कद्दावर लोग कर  रहे  हैं।  भाजपा अध्यक्ष अमित शाह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस को पार्लियामैंट्री बोर्ड में लाना चाहते हैं लेकिन संघ के कुछ नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  को संसदीय बोर्ड में लाने की वकालत कर रहे हैं। उनकी दलील है कि प्रधानमंत्री मोदी के बाद इस वक्त भाजपा में योगी ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।सूत्र कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नया चेहरा लाना चाहते हैं और उस नाम को सुनकर आप एकदम चौंक जाएंगे। इस चेहरे के तौर पर नई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम चल रहा है। अगर सारे समीकरण ठीक बैठ गए तो निर्मला सीतारमण का एक और जबरदस्त प्रमोशन हो सकता है। अभी पार्लियामैंट्री बोर्ड में 11 सदस्य हैं, लेकिन इसमें सिर्फ एक महिला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं। 

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