Edited By Updated: 18 Feb, 2017 01:11 PM
एक समय था जब बादल परिवार ने दिल्ली में डाक्टर मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के
लुधियाना(कंवलजीत): एक समय था जब बादल परिवार ने दिल्ली में डाक्टर मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना के प्रधान बनने के बाद शहरी सिखों की वोटों को अपने साथ जोडऩे के लिए जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधानगी संभाली। जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने प्रधान बन कर जहां दिल्ली के सिखों में अकाली दल का प्रभाव कायम किया वहीं पूरे पंजाब और देश-विदेश के सिखों में जाकर उनको शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ जोड़ा। वहीं उनके अलग-अलग शहरों में स्कूल, कालेज और यूनिवॢसटियां कायम करने के बाद गुरुद्वारों के सुधार के लिए जहां जरूरी कदम उठाए वहीं जरूरतमंदों को पढ़ाई में सहायता देकर अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाया। इस कारण पूरे पंजाब में संगत अकाली दल के साथ जुड़ी वहीं दिल्ली में भी अकाली दल चुनाव जीत कर कामयाब रहा।
अब जब नवम्बर में माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ समिति वोटों का फैसला दिया तो चुनाव में जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ को प्रधानगी से फारिग कर दिया। इतना ही नहीं 2 फरवरी की रात को जत्थेदार मक्कड़ के नौजवान पार्षद सुपुत्र की मृत्यु हो गई तो बादल परिवार ने इतनी बेरुखी दिखाई कि न तो उन्होंने जत्थेदार मक्कड़ के सुपुत्र के संस्कार, न ही भोग और न ही बाद में जाकर जत्थेदार मक्कड़ के साथ दुख व्यक्त किया जिस कारण पंथक हलकों में बड़ा रोष पाया जा रहा है। अब विधान सभा चुनावों के निर्णय में अकाली दल की हार की संभावना को देखते हुए बादल परिवार विदेश यात्रा पर है। पंथक सूत्रों के अनुसार इस बार 26 फरवरी को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में बादल परिवार के शामिल होने की संभावना कम ही लगती है। जत्थेदार मक्कड़ को प्रधानगी से हटाने का दिल्ली के सिखों में रोष व्याप्त है जिसका खामियाजा दिल्ली अकाली दल को भुगतना पड़ सकता है।