Edited By Updated: 22 Feb, 2017 12:03 PM
फीस वृद्धि से गुस्साए अभिभावकों ने शिव ज्योति पब्लिक में अर्धनग्न प्रदर्शन कर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद स्कूल प्रशासन द्वारा मनमर्जी से फीस बढ़ाकर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है, जिसे वह किसी सूरत में...
जालंधर (पुनीत): फीस वृद्धि से गुस्साए अभिभावकों ने शिव ज्योति पब्लिक में अर्धनग्न प्रदर्शन कर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद स्कूल प्रशासन द्वारा मनमर्जी से फीस बढ़ाकर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है, जिसे वह किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। दीनदयाल उपाध्याय नगर में हुए इस धरना-प्रदर्शन की सूचना मिलने पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और अभिभावकों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन स्कूल प्रशासन के मनमर्जी से फीस बढ़ाने के गुस्साए परिजन धरना हटाने को तैयार नहीं थे।
लोगों का कहना था कि स्कूल प्रशासन द्वारा उनके बच्चों को बढ़ी हुई फीस न देने पर धमकाया जा रहा है जिससे उनके बच्चे दिमागी तौर पर परेशानी झेल रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों पर रोजाना फीसें देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने की सूरत में फेल करने की चेतावनी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कई बार डिप्टी कमिश्नर कार्यालय द्वारा स्कूल मैनेजमैंट को पत्र लिखकर बताया गया है कि माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के अधीन बनाई गई कमेटी की मंजूरी के बाद ही फीस बढ़ाई जाए। इसके बावजूद स्कूल प्रशासन अपनी मनमर्जी से फीसों में बढ़ौतरी कर देता है और इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।
हर साल एडमिशन फीस क्यों: अभिभावक
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में जब विद्यार्थी पहली बार दाखिल होता है तो उसकी एडमिशन फीस ली जाती है लेकिन अपनी जेबें भरने के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों से हर वर्ष एडमिशन फीस ली जाती है। उन्होंने कहा कि एनुअल चार्जिस के नाम पर स्कूलों द्वारा की जाने वाली ठगी बंद होनी चाहिए। शिक्षा का व्यापारीकरण बंद होना चाहिए। लोगों का कहना है कि आज के समय में स्कूल-कालेज पैसा कमाने के लिए खोले जा रहे हैं, इसलिए आवश्यकता है कि इस सब पर रोक लगाई जाए ताकि शिक्षा का व्यापारीकरण बंद हो सके।
3 माह की फीस एक साथ देने में समर्थ नहीं’
अभिभावकों का कहना है कि कई स्कूलों द्वारा 3 माह की इकट्ठी फीस ली जाती है लेकिन सभी अभिभावक 3 माह की फीस एक साथ देने में समर्थ नहीं होते। आवश्यकता है कि 3 माह की इकट्ठी फीस लेने के नियमों मेें बदलाव करते हुए प्रत्येक माह फीस ली जाए। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिश्नर को उन्होंने इस संबंध में शिकायतें की थीं, जिसके बाद बीते वर्ष 4 मर्ई को डिप्टी कमिश्नर द्वारा स्कूलों को 3 माह की फीस संबंधित पत्र लिखा गया था। उन्होंने बताया कि उस पत्र में बताया गया था कि स्कूलों में प्रत्येक माह फीस वसूलने संबंधी सहूलियत दी जानी चाहिए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता आसानी से अपने बच्चे की फीस दे सकें।
टीचर्ज भी बैठी शांतिमय धरने पर
अभिभावकों द्वारा कई बार फीस वृद्धि के विरोध में रोष जताया जा चुका है जिससे स्कूल में कई बार माहौल खराब होते-होते बचा है। आज जब अभिभावक अद्र्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे थे तो इस सबसे गुस्साए अध्यापक भी धरने पर बैठ गए। इस शांतिमय धरने के बाद लोगों में चर्चा बनी हुई थी कि एक तरफ तो अभिभावक परेशान होकर धरना दे रहे हैं और वहीं अब टीचर्ज भी धरने देनी लगी हैं। लोगों का कहना था कि ऐसे माहौल में बच्चों की पढ़ाई को होने वाले नुक्सान के लिए कौन जिम्मेदार है? वहीं स्कूल प्रशासन ने धमकी को गलत बताते हुए कहा कि वह बच्चों को बकाया फीस देने के लिए याद करवा रहे हैं और किसी भी बच्चे को धमकाया नहीं जा रहा।