Edited By Updated: 27 Apr, 2017 11:06 AM
यहां के हेम सिंह अदालत द्वारा उनके पक्ष में फैसला देने के बावजूद भी जहां इंसाफ के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं वहीं वह स्वयं व पत्नी की जान को खतरा महसूस करते हुए डर के साए में दिन काट रहे हैं। दम्पति को यह डर किसी और से नहीं बल्कि अपने ही बेटे से है।
मलोट(जुनेजा): यहां के हेम सिंह अदालत द्वारा उनके पक्ष में फैसला देने के बावजूद भी जहां इंसाफ के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे हैं वहीं वह स्वयं व पत्नी की जान को खतरा महसूस करते हुए डर के साए में दिन काट रहे हैं। दम्पति को यह डर किसी और से नहीं बल्कि अपने ही बेटे से है। बुजुर्ग हेम सिंह ने बताया कि जिंदगी भर की कमाई से उसने अपने लड़कों को अलग-अलग मकान बना कर दिए थे और आप वह पत्नी के साथ भटिंडा से मलोट के न्यू गोबिन्द नगर में अलग मकान बना कर रह रहे थे। हेम सिंह के अनुसार उनका बुरा समय उस समय शुरू हुआ जब उसका छोटा बेटा अपना मकान छोड़ कर उनके पास रहने आ गया। पुत्र ने मां-बाप को झांसे में ले लिया कि वह उनकी सेवा-संभाल करेगा परन्तु असल में उसकी नीयत मां-बाप के मलोट वाले मकान पर कब्जा करने की थी।
हेम सिंह ने बताया कि लालची पुत्र की कब्जा करने की नीयत पूरी न हुई तो उसने बुजुर्ग मां-बाप को बुरी तरह से पीटा। अपने ऊपर हुए अत्याचार व मकान की रक्षा के लिए जब बुजुर्ग जोड़े ने माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाया तो पहले मलोट सब डिवीजन मैजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास बगीचा सिंह की अदालत ने 15 अक्तूबर 2015 को उनके पक्ष में फैसला सुनाया। बाद में उनके पुत्र विजय सिंह ने फैसले के खिलाफ जिला कोर्ट में अपील की। वहां भी माननीय जिला जज वरिन्द्र अग्रवाल की कोर्ट ने उनके पुत्र की अपील को रद्द करके बुजुर्ग जोड़े के पक्ष में फैसला सुनाया परन्तु लड़के व पुत्रवधू द्वारा मां-बाप को परेशान व मारपीट करने का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान अब एस.डी.एम. मलोट द्वारा 18 अप्रैल को आदेश दिया कि विजय सिंह द्वारा 4 हजार रुपए प्रति मास खर्चा माता-पिता को दिया जाए व खर्च न देने पर मकान खाली करने को कहा गया।
इस फैसले के बावजूद सोमवार की रात्रि को उनकी पुत्रवधू रीना रानी ने अपने सास-ससुर के कमरे में दाखिल होकर उनकी लाइट बंद कर दी। जब उनके लड़के ने बाहरी कुछ व्यक्ति बुलाए तो बुजुर्ग जोड़े को डर सताया कि उनका लड़का अन्य के साथ मिलकर उन्हें जान से न मार दे। हेम सिंह ने बताया कि गत 30 मार्च को उन्होंने उपायुक्त को शिकायत के साथ दस्तावेज लगाकर इंसाफ की मांग की थी परन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंधी उपायुक्त सुमित जारंगल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी पूरी फाइल पढ़ी नहीं है, फाइल पढऩे उपरांत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।