Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 09:33 AM
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने बादल दल द्वारा सिखों को हिंदू दर्शाती संविधान की धारा 25 बी(2) में संशोधन हेतु केंद्रीय मंत्रियों के साथ मिलकर बातचीत करने को एक प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा कि बादल दल सिख संगतों को यह भी स्पष्ट...
जालंधर (चावला): शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने बादल दल द्वारा सिखों को हिंदू दर्शाती संविधान की धारा 25 बी(2) में संशोधन हेतु केंद्रीय मंत्रियों के साथ मिलकर बातचीत करने को एक प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा कि बादल दल सिख संगतों को यह भी स्पष्ट करे कि ऐसे मुद्दे उन्हें सत्ता से बाहर होने के बाद ही क्यों याद आते हैं? उन्होंने कहा कि यू.पी.ए. की सरकार के समय उन्होंने सिख मांगों का एक बड़ा हिस्सा लागू करवा लिया था जिनमें आनंद मैरिज एक्ट और सिखों की काली सूची खत्म करना भी शामिल है।
गत दिनों बादल दल के सीनियर नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ मुलाकात करने का दावा किया है।शिरोमणि अकाली दल दिल्ली पंथक मसलों पर बादल दल को हर तरह का सहयोग देने के लिए तैयार है पर उसको अपनी नीति, नीयत, दिशा व दशा स्पष्ट करनी होगी कि वह पंथक मांगों को पूरी तरह समर्पित है या फिर सिर्फ पहले की तरह राजनीतिक लाभ लेने तक सीमित है क्योंकि बादल को पंथ उस समय याद आता है जब इसके पास सत्ता नहीं होती। बादल दल की पंजाब में 10 साल सरकार रही, उस समय उसने कभी भी इस धारा को खत्म करने की बात नहीं की।
अगर सत्ता हासिल करना ही सिर्फ एक उद्देश्य है तो फिर दिखावा नहीं करना चाहिए और सीधा संगतों में अपने एजैंडे को लेकर जाना चाहिए। केंद्रीय कैबिनेट में हरसिमरत कौर बादल 3 वर्षों से ज्यादा समय से मंत्री है और केंद्र में मोदी सरकार के दौरान पंजाब में बादल सरकार अढ़ाई वर्ष रही लेकिन कभी भी अकाली दल और न ही उनके दिल्ली यूनिट को इस बारे ख्याल आया। उन्होंने देर आयद दुरुस्त आयद का हवाला देते हुए कहा है कि फिर भी हम विश्वास दिलाते हैं कि अगर बादल दल ने ठान ही लिया है कि वह ईमानदारी से इस धारा को खत्म करवाने के लिए यत्नशील है तो अकाली दल दिल्ली उनको हर तरह का सहयोग देगा।