Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 05:36 PM
राजौरी के नौशहरा सैक्टर में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पंजाब के शहीद हुए सेना के जवान जगसीर सिंह का पाॢथव शरीर आज बड़े सम्मान के साथ हैलीकॉप्टर के जरिए उसके घर गांव लोहगढ़ में लाया गया।
फिरोजपुर : पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए फिरोजपुर जिले के गांव लोहगढ़ निवासी जगसीर सिंह का आज पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सुबह से ही गांव में लोग जुटने शुरू हो गए थे। लोगों ने शहीद को भारत माता की जय के नारों के बीच अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई ।
शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को फिरोजपुर छावनी पहुंचा था। वह जम्मू-कश्मीर के नौशहरा सेक्टर में 19वीं पंजाब यूनिट में तैनात थे। उनके भाई तो दुबई से आ गए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से बहन पवनदीप कौर देर रात पहुंची, जिसके कारण अंतिम संस्कार में देरी हुई।
जगसीर सिंह जिंदादिल जवान था : मनमोहन
शहीद जगसीर सिंह का पार्थिव शरीर लेकर उसके घर पहुंचे उसके साथी जवान
मनमोहन सिंह ने बताया कि जगसीर सिंह जिंदादिल जवान था और हर समय वह दुश्मन को सबक सिखाने की बात करता रहता था। जब उसे पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलाबारी में गोली लगी तब भी उसकी जुबान पर एक ही बात थी कि इन्हें छोड़ेंगे नहीं। समूह देश को शहीद जगसीर सिंह की शहादत पर हमेशा गर्व रहेगा।
शहीद की शहादत पर पूरे देश को फख्र : रामवीर
जवान की शहादत पर सेना, पुलिस, बी.एस.एफ. और प्रशासनिक अधिकारी आज उसके घर गांव लोहगढ़ ठाकरां पहुंचे और परिवार के साथ शोक व्यक्त किया। डी.सी. रामवीर, एस.एस.पी. भूपिन्द्र सिंह, डी.आई.जी. बी.एस.एफ. बी.एस. राजपुरोहित, एस.डी.एम. हरजीत सिंह, तहसीलदार मनजीत सिंह ने गांव में जाकर दुख सांझा किया। डी.सी. रामवीर ने कहा कि शहीद की शहादत पर पूरे देश को फख्र है। जवान की मौत से सेना, प्रदेश और परिवार को जो नुक्सान हुआ है, उसे पूरा तो नहीं किया जा सकता लेकिन शहीद के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है और केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा उसके परिवार की हरसंभव सहायता की जाएगी। परिवार के कहने पर शहीद का दाह संस्कार 2 जनवरी को सुबह 10 बजे गांव लोहगढ़ ठाकरां में किया जाएगा।
बेटी बोली- पापा आएंगे
छोटा भाई जसबीर सिंह, जो कि दुबई में रहता है, भाई की मौत की खबर सुनते ही
वापस लौट आया। उसने बताया कि दोनों भाई आखिरी बार 7 महीने पहले मिले थे। बड़ी बेटी निगमजीत कौर और छोटी गुरमीत को अब भी आस है कि पापा घर आएंगे।