Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 03:16 PM
पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी के लिए एजेंटों को नर्इ ट्रेनिंग देकर भारत भेज रही है। आईएसआई एजेंट को 'हनी ट्रैप' की स्पैशल ट्रेनिंग दे रही है। शक न हो इसलिए पहले
जालंधर: पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी के लिए एजेंटों को नर्इ ट्रेनिंग देकर भारत भेज रही है। आईएसआई एजेंट को 'हनी ट्रैप' की स्पैशल ट्रेनिंग दे रही है। शक न हो इसलिए पहले भारतीय लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाया जा रहा है, फिर शादी करके नागरिकता लेकर जासूसी की जा रही है। ताजा मामला जालंधर से गिरफ़्तार किए गए पाकिस्तानी नागरिक एहसान-उल-हक का सामने आया है। हालांकि उसने खुद को जासूस नहीं माना है लेकिन बावजूद इसके उससे पूछताछ जारी है।
यह है मामला
जालंधर में एहसान-उल-हक नामक एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ़्तार किया गया है। पहले तो उसने फेसबुक पर बलविन्दर कौर नाम की लड़की से दोस्ती की और प्यार के जाल में फंसाया। फिर 19 जुलाई 2012 को उसके साथ विवाह कर लिया, जो गांव कोटकलां में पंजाबी रीति रिवाजों के साथ हुआ। एहसान-उल-हक ने दूल्हा बन कर सिर पर पगड़ी भी सजार्इ। शक तब हुआ जब उसने खुद को भारतीय नागरिक बताकर आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवा कर अलीपुर गांव में प्लाट खरीद लिया। चाहे खुफिया एजेंसियों की तरफ से पाक नागरिकसे पूछताछ की जा रही।
इससे पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
अगस्त 2010 को फ़िरोज़पुर पुलिस ने 24 साल के राजोलाह को गिरफ़्तार किया था। वह आईएसआई एजेंट था और नेपाल के रास्ते भारत दाख़िल हुआ था। राजोलाह ने हाउसिंग बोर्ड कालोनी में केटरिंग का काम शुरू कर रखा था। लोग उसे राकेश कुमार के नाम से जानते थे। उसने वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसैंस तक बनवाया हुआ था। वह बड़े आराम से सेना के इलाके में बुलट पर घूमता था। उसके चक्कर में 3 लड़कियां फंसी हुई थीं। तीसरी लड़की को पता लग गया कि राकेश का दो ओर लड़कियों से चक्कर है। उसकी गर्लफ्रेंड ने ही पुलिस को सूचना दी थी। गिरफ़्तारी होने पर खुलासा हुआ कि वह पाकिस्तानी है और आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा है। उसने माना कि उन्हें ख़ास तौर पर भारतीय लड़कियों के साथ दोस्ती करने की ट्रेनिंग दी गई है।
मोहम्मद आलम की गिरफ्तारी
जालंधर के वर्कशाप चौक नजदीक 21 अगस्त 2010 को पाकिस्तानी मोहम्मद आलम को गिरफ़्तार किया गया था। वह यहां गोलगप्पे बेचने के बहाने जासूसी कर रहा था। आलम को 14 साल की सज़ा करवाने वाले पूर्व सी.आई. ए. इंचार्ज सतीश मल्होत्रा ने बताया कि आलम ने माना था कि उन्हें ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि कैसे भारतीय लड़कियों को प्यार में फंसा कर शादी करना है। इसके साथ के पासपोर्ट जैसे कागज़ात तैयार किए जा सकते हैं। आलम भी नेपाल के रास्ते भारत में दाख़िल हुआ था।